ड्रोन से किया जा रहा PM Modi की स्वामित्व योजना का सर्वे, जानिए Trinity F9 की खासियत
Trinity F9 भारत के सबसे सफल ट्रिनिटी-एफ9 ड्रोन से अब तक 84 हजार के अधिक गांवों का सर्वे किया गया है. खास बात यह है कि ट्रिनिटी-एफ9 ड्रोन का इस्तेमाल पीएम नरेंद्र मोदी की स्वामित्व योजना, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारतीय सेना द्वारा भी किया जा रहा है.
Trinity F9 भारत के सबसे सफल ट्रिनिटी-एफ9 ड्रोन से अब तक 84 हजार के अधिक गांवों का सर्वे किया गया है. खास बात यह है कि ट्रिनिटी-एफ9 ड्रोन का इस्तेमाल पीएम नरेंद्र मोदी की स्वामित्व योजना, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारतीय सेना द्वारा भी किया जा रहा है. दरअसल, यह ड्रोन का उपयोग किसी भी तरह के नक्शे बनाने, तस्वीरें लेने, निगरानी आदि में किया जा सकता है.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रिनिटी-एफ9 ड्रोन्स को बनाने वाली कंपनी रोटर के प्रमुख साजिद मुख्तार ने बताया कि यह ड्रोन छह तरह की तस्वीरें लेने में सक्षम है. यह निर्भर करता है कि उसपर किस तरह का कैमरा लगाया गया है. साजिद ने कहा कि जियोस्पेशियल नीति को बढ़ावा देकर नीति को बढ़ावा देकर पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का एक बहुत बड़ा रास्ता खोल दिया है. उन्होंने कहा कि बीते 70 सालों में इस स्तर का काम नहीं हुआ था. अब लोग कामों में पारदर्शिता देख रहे हैं.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रिनिटी-एफ9 ड्रोन्स को बनाने वाली कंपनी रोटर के प्रमुख साजिद मुख्तार ने बताया कि यह ड्रोन छह तरह की तस्वीरें लेने में सक्षम है. यह निर्भर करता है कि उसपर किस तरह का कैमरा लगाया गया है. साजिद ने कहा कि जियोस्पेशियल नीति को बढ़ावा देकर नीति को बढ़ावा देकर पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का एक बहुत बड़ा रास्ता खोल दिया है. उन्होंने कहा कि बीते 70 सालों में इस स्तर का काम नहीं हुआ था. अब लोग कामों में पारदर्शिता देख रहे हैं.
रोटर के प्रमुख साजिद मुख्तार ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत जो नक्शे बनाए जा रहे हैं, वैसी ही स्थिति अकबर के समय में टोडरमल ने पैदा की थी. वह भी नक्शे बनाने के अभियान में लगा था. आज भारत के प्रधानमंत्री वही काम कर रहे हैं. जिसमें हमारे ड्रोन्स मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में किसी भी समय हमारे 383 से ज्यादा ट्रिनिटी-एफ9 ड्रोन्स हवा में रहते हैं. साजिद ने कहा कि एक तरफ पाकिस्तान जहां ड्रोन्स का गलत उपयोग कर रहा है, वहीं भारत में इसका उपयोग सकारात्मक कार्यों के लिए कर रहे हैं.