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India-US Tension: पाकिस्तान के F-16 के लिए पैकेज क्यों? भारत ने अमेरिका से जताया कड़ा ऐतराज

India-US Tension: पाकिस्तान के F-16 फ्लीट के लिए अमेरिका ने 450 मिलियन डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है. इन पैसों से पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जाएगा. वहीं, इस पैकेज को लेकर भारत ने अमेरिका से कड़ा विरोध जताया है.

India-US Tension: पाकिस्तान को F-16 विमानों के लिए बाइडन प्रशासन की ओर से दिए गए पैकेज पर भारत ने अमेरिका से कड़ा विरोध जताया है. दरअसल, अमेरिका में बाइडन की सरकार आने के बाद से पाकिस्तान को पहली राहत मिली है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के F-16 फ्लीट के लिए कई सालों बाद अमेरिका से करोड़ों डॉलर की मदद मिली है.

पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर की सहायता

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के F-16 फ्लीट के लिए अमेरिका ने 450 मिलियन डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है. इन पैसों से पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जाएगा. अमेरिकी सरकार की ओर से पाकिस्तान को मिले इस पैकेज पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू से भारत ने इस मामले को लेकर विरोध जताया है. साथ ही इस फैसले की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाया है. बताया जाता है कि पाकिस्तान के लिए यह पैकेज ट्रम्प प्रशासन के फैसले को पलटते हुए किया गया है.

भारत ने जताई चिंता

भारतीय अधिकारियों ने विशेष रूप से एफ-16 के लिए पाकिस्तान को उपलब्ध कराई जा रही प्रौद्योगिकी और समर्थन के बारे में चिंताओं का हवाला दिया है. सरकार का मानना है पाकिस्तान के F-16 टारगेट पर भारत रहेगा. भले ही कुछ विमान बहुत पुराने हैं या ऑपरेशनल नहीं है. वहीं, डोनाल्ड लू ने भारतीय अधिकारियों को बताया कि पैकेज एफ-16 के लिए एक रखरखाव सौदा था, जिनमें से कुछ 40 साल पुराने हैं और अपने पूरे जीवनचक्र के लिए अपनी रक्षा बिक्री को बनाए रखने की यूएस की वैश्विक नीति का हिस्सा हैं.

फैसले के बारे में भारत को नहीं थी जानकारी

भारत सरकार का यह मानना है कि इससे दोनों देशों के संबंधों कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन दोनों देशों के संबंधों में असहजता आएगी. भारत के लिए परेशान करने वाली बात यह है कि अमेरिका ने भारत को इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में पहले से नहीं बताया. अमेरिका की घोषणा के बाद लू के साथ हुई सभी बैठकों में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया गया. उन्हें यह बताया गया कि सरकार को उम्मीद है कि अमेरिका भारत के सुरक्षा हितों का ध्यान रखेगा. वहीं, अमेरिका की ओर से कहा गया है कि इस पैकेज में नई क्षमताएं, हथियार या युद्ध सामग्री शामिल नहीं होगी. उल्लेखनीय है कि यह फैसला ऐसे वक्त हुआ है जब यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत के रुख को लेकर अमेरिका से कुछ मतभेद भी पैदा हुए हैं.

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