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India China Face Off: सैनिकों के समान दूरी पर पीछे हटने के चीन के सुझाव को भारत ने ठुकराया

नयी दिल्ली : भारत और चीन (China) बातचीत से सीमा विवाद (Border Dispute) को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच कई स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं. इस बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख (Easern Ladakh) में फिंगर क्षेत्र (Finger Area) से समान दूरी पर पीछे हटने के चीन के सुझाव को खारिज कर दिया है. दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए आगे भी कई स्तर की वार्ताएं आयोजित करने की भी योजना है.

नयी दिल्ली : भारत और चीन (China) बातचीत से सीमा विवाद (Border Dispute) को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच कई स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं. इस बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख (Easern Ladakh) में फिंगर क्षेत्र (Finger Area) से समान दूरी पर पीछे हटने के चीन के सुझाव को खारिज कर दिया है. दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए आगे भी कई स्तर की वार्ताएं आयोजित करने की भी योजना है.

सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘चीनी पक्ष ने सुझाव दिया था कि भारत और चीन दोनों को फिंगर-4 क्षेत्र से समान दूरी पर वापस हटना चाहिए. यह सुझाव भारतीय पक्ष ने स्वीकार नहीं किया.’ सूत्रों ने कहा कि चीनी पक्ष के सुझाव को स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता था. भारत, चीन की ओर से 1993-1996 में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन करने के मुद्दे को भी उठा रहा है.

सूत्र ने कहा कि पूर्व के समझौते में उन स्थानों पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाई गई है, जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की धारणा दोनों पक्षों के बीच भिन्न होती है. पिछली कई वार्ताओं में दोनों देशों के बीच अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति भी बनी है. कई क्षेत्रों में चीन ने अपने सैनिकों को पीछे भी हटाया है.

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दो दिन पहले लद्दाख में जारी तनाव को लेकर 18वीं बार बैठक हुई. बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा पर सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने पर सहमति बनी. भारत, चीन पश्चिमी सेक्टर में एलएएसी के पास सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ काम करने पर सहमत हुए. इसके अलावा लंबित मुद्दों को शीघ्रता से हल करने के लिए भी सहमत हुए.

सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक गलवान घाटी और टकराव वाले कुछ अन्य स्थानों से पीछे हट गये, लेकिन उनके (चीन के) सैनिकों को वापस बुलाये जाने की प्रक्रिया पैंगोंग सो, डेपसांग और कुछ अन्य इलाकों में मध्य जुलाई से आगे नहीं बढ़ी. सैनिकों को पीछे हटाने की औपचारिक प्रक्रिया छह जुलाई को शुरू हुई थी. इसके एक दिन पहले इलाके में तनाव घटाने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत हुई थी.

दोनों पक्ष राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर बातचीत कर रहे हैं, ऐसे में भारतीय थल सेना सर्दियों के मौसम में पूर्वी लद्दाख में सभी प्रमुख इलाकों में सैनिकों की मौजूदा संख्या कायम रखने की व्यापक तैयारी कर रही है. सूत्रों ने बताया कि थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने एलएसी पर अग्रिम मोर्चे पर अभियान की निगरानी कर रहे सेना के सभी वरिष्ठ कमांडरों से पहले ही कहा है कि वे अत्यधिक सतर्कता बरतें और किसी भी चीनी दुस्साहस से निपटने के लिये आक्रामक रुख कायम रखें.

Posted by: Amlesh Nandan Sinha.

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