भारत ने यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF)की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें देश के खिलाफ टिप्पणियां की गयी हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग पैनल की गलत बयानी नए स्तर पर पहुंच गयी है. दरअसल, आयोग (USCIRF) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में चीजें नीचे की ओर जा रही हैं और भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं.
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टीओआई के मुताबिक, इस रिपोर्ट में भारत को 14 ऐसे देशों की सूची शामिल किया गया है जहां धार्मिक आजादी को लेकर खतरा है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत सरकार ने अपने मजबूत संसदीय बहुमत का उपयोग राष्ट्रीय स्तर की नीतियों का निर्माण करने के लिए किया, विशेष रूप से मुसलमानों के लिए देश भर में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया. अमेरिकी पैनल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की भी आलोचना की, जिस पर देश में भी काफी बवाल मचा.
यह आयोग हाल के दिनों में कई बार भारत को लेकर विपरीत टिप्पणी कर चुका है लेकिन वर्ष 2020 की जो रिपोर्ट मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय को सौंपी गयी है वह विदेश मंत्रालय को खास तौर पर नागवार गुजरी है. इसमें धार्मिक आजादी के मामले में भारत को चीन, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सउदी अरब, म्यांमार जैसे देशों के साथ रखा गया है. इन देशों को खास चिंता वाले वर्ग में रखा गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हम USCIRF की वार्षिक रिपोर्ट में भारत पर की गईं टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। भारत के खिलाफ इसके ये पूर्वाग्रह वाले और पक्षपातपूर्ण बयान नए नहीं हैं। लेकिन इस अवसर पर इसकी गलत व्याख्या नए स्तर पर पहुंच गयी है.
USCIRF के मुताबिक, इस सूची में उन्हीं देशों को शामिल किया गया है जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े हैं. सूची में शामिल म्यांमार, चीन, एरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान ऐसे देश हैं जिन्हें अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दिसंबर 2019 में विशेष चिंता वाले देशों की लिस्ट में शामिल किया था. अब USCIRF की लिस्ट में उन नौ देशों के साथ भारत, नाइजीरिया रूस, सीरिया और वियतनाम का नाम भी जोड़ दिया गया.