Job Racket: नौकरी के झांसे में म्यांमार में फंसे 50 भारतीयों को बचाया गया, विदेश मंत्रायल ने दी जानकारी

Job Racket: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि म्यांमार में फंसे लगभग 50 लोगों को निकाला गया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग म्यांमार पुलिस के पास हैं, क्योंकि वे अवैध तरीके से वहां गए थे.

By Samir Kumar | October 7, 2022 8:17 PM
an image

Job Racket: विदेशों में नौकरी पाने के झांसे में आकर भारतीय युवा लगातार बड़े रैकेट के चंगुल में फंसते जा रहे हैं. म्यांमार और कंबोडिया में फंसे ऐसे ही भारतीयों को बचाया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि म्यांमार में फंसे लगभग 50 लोगों को निकाला गया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग म्यांमार पुलिस के पास हैं, क्योंकि वे अवैध तरीके से वहां गए थे. हम उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ और लोग अभी भी बंदी हैं, जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है.

कंबोडिया में 80 भारतीयों को बनाया गया बंदी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि कंबोडिया में भी 80 लोगों को फेक जॉब रैकेट मामले में बंदी बना लिया गया है. उन्होंने भारतीय नागरिकों से संदिग्ध नौकरियों के मामले में बेहद सावधान रहने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि लाओस और कंबोडिया में इस तरह के जॉब रैकेट के कई मामले सामने आए है. बागची ने कहा कि वियनतियाने, नोम पेन्ह और बैंकॉक में भारतीय दूतावास वहां से लोगों को वापस लाने में मदद कर रहे हैं.

एडवाइजरी जारी

अरिंदम बागची ने कहा कि हमने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है. मैं सभी को बेहद सावधान करना चाहता हूं. अगर कोई संदिग्ध नौकरियां स्वीकार करता हैं और एक बार जब वह वहां फंस जाता हैं, तो उन्हें वापस लाना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अलर्ट रहना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कंबोडिया से लगभग 80 लोगों को बचाया गया है, लेकिन यह एक संभावित संख्या है. बता दें कि इससे पहले, भारत ने बुधवार को कहा कि म्यांमार में फर्जी जॉब रैकेट में फंसे लगभग 45 भारतीयों को बचाया गया है. अरिंदम बागची ने दोहराया कि म्यांमार में फर्जी जॉब रैकेट में फंसे भारतीयों के मामले तेजी से बढ़ रहे है.

Also Read: Amit Shah in Assam: अमित शाह असम में ड्रग तस्करी, राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्षेत्रीय बैठक की करेंगे अध्यक्षता

Exit mobile version