नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी और पूर्वोत्तर भारत की सीमाओं पर नजर गड़ाने वाले चीन की हेकड़ी अब जल्द ही गुम होने वाली है. शुक्रवार को भारत की मेजबानी में तीन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने जा रही है, जिसमें रूस-भारत और चीन के विदेश मंत्री शामिल होंगे. संभावना जाहिर की जा रही है वर्चुअल तरीके से शुक्रवार को आयोजित होने वाली तीन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री रूस और चीन के अपने समकक्षों के सामने सीमा विवाद के मुद्दे को उठाएंगे. हालांकि, तीन देशों के विदेश मंत्रियों की इस बैठक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उपजे क्षेत्रीय भू-राजनैतिक मुद्दों पर त्रिपक्षीय चर्चा की जाएगी.
रूस-भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब एशिया-प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनैतिक परिदृश्य में तेजी से बदलाव हुआ है. वहीं, पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी समेत पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश और अन्य राज्यों की सीमाओं को लेकर भारत और चीन के बीच पिछले 19 महीने से तनाव बना हुआ है. सीमा विवाद को लेकर उपजे तनाव का असर भारत-चीन के द्विपक्षीय कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों पर भी देखने को मिल रहा है.
साल 2020 के जून महीने में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के द्विपक्षीय कूटनीतिक, राजनैतिक और व्यापारिक संबंधों में दरार पैदा हो गई है. भारत-चीन सीमा विवाद और दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प का ही नतीजा है कि भारत में चीन के उत्पादों की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यहां तक कि केंद्र की मोदी सरकार ने चीनी मोबाइल, मोबाइल ऐप्स और अन्य उत्पादों की भारत में बिक्री और उसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को भारत की मेजबानी में वर्चुअल तरीके से होने वाली रूस-भारत और चीन की बैठक में त्रिपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के मुद्दे पर बातचीत की जाएगी. आरआईसी बैठक यानी रूस-भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक त्रिपक्षीय साझेदारी और संवाद का सशक्त मंच है. इस मंच के जरिए तीनों देशों के नेता आपसी सहयोग को मजबूत करने के मुद्दे पर बातचीत कर नई रणनीति तैयार करते हैं.
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हालांकि, दुनिया भर में कोरोना महामारी की वजह से आरआईसी समूह के नेताओं की बैठक नहीं हो सकी है. आरआईसी नेताओं का आखिरी शिखर सम्मेलन वर्ष 2019 में जापान के ओसाका में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान आयोजित किया गया था. कोरोना महामारी की वजह इस समूह की बैठक नहीं होने की वजह से भारत-चीन के आपसी संबंधों में दरारें पैदा हो गई हैं और सीमा पर उपजे विवाद को पिछले 19 महीनों से सुलझाया नहीं जा सका है.