आतंकवाद पर भारत और रूस साथ, लद्दाख, अफगानिस्तान समेत कई मुद्दों पर चर्चा, जारी रहेगी S-400 की आपूर्ति
भारत और रूस ने 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 9 समझौते दोनों देशों के सरकारों के बीच हुए, और बाकी 19 व्यापार से व्यापार के आधार पर समझौते हुए.
भारत और रूस (India Russia annual summit) ने आपसी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किये. दोनों देशों ने (India and Russia) ने 21वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में अमेरिकी प्रतिबंधों की चेतावनी को दरकिनार करते हुए एस-400 वायु रक्षा प्रणाली (S-400 air defense system) सौदे को लेकर प्रतिबद्धता जताई. साथ ही, दोनों नेताओं ने आतंकवाद से खतरा और अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़े हुए प्रभाव जैसी बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया.
मुलाकात के दौरान भारत और रूस ने 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 9 समझौते दोनों देशों के सरकारों के बीच हुए, और बाकी 19 व्यापार से व्यापार के आधार पर समझौते हुए. इसके अलावा एस-400 वायु रक्षा प्रणाली (S-400 air defense system ) की आपूर्ति को लेकर भी रूस ने अपनी प्रतिबद्धता जताई. पुतिन ने इसको लेकर कहा कि S-400 की सप्लाई जारी रहेगी.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता को ‘काफी फलदायी’ करार दिया. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कई क्षेत्रों में संधि समेत 28 समझौते किये गये. समझौतों में व्यापार, ऊर्जा, बौद्धिक संपदा, बैंकिंग, अकाउंट जैसे क्षेत्र शामिल हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का मुद्दा उठाया या नहीं? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी सभी चिंताओं पर चर्चा हुई.
श्रृंगला ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि मोदी और पुतिन ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच करीबी सहयोग व विचार-विमर्श जारी रखने का निर्णय लिया. दोनों पक्ष इस बात को लेकर स्पष्ट रहे कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग किसी भी तरह के आतंकी कृत्यों की साजिश, प्रशिक्षण और आश्रय के लिए नहीं किया जाना चाहिए. विदेश सचिव ने कहा कि वार्ता के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई.
राजनाथ ने रूस को दीर्घकालिक व सामरिक भागीदार बताया: बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने रूस को भारत का दीर्घकालिक और खास सामरिक भागीदार करार दिया और कहा, उनके संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. दोनों देशों के संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति व समृद्धि और आपसी समझ-बूझ पर आधारित हैं. उन्होंने रूस द्वारा भारत को दिये जाने वाले सशक्त सहयोग की सराहना की.
सेना को मिलेंगी देश में बनीं छह लाख एके-203 राइफलें: भारत और रूस ने यूपी के अमेठी में छह लाख से अधिक एके-203 असाल्ट राइफलों के संयुक्त निर्माण के लिए एक समझौते पर सोमवार को दस्तखत किये. भारतीय सशस्त्र बलों के लिए ये राइफलें करीब 5000 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी. दोनों देशों ने सैन्य तकनीकी सहयोग को अगले 10 साल तक (2021-2031) बढ़ाने का करार भी किया.
कुल चार रक्षा समझौतों पर भारत-रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीक संबंधी आयोग की 20वीं बैठक के दौरान दस्तखत हुए. बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोइगु ने की. एके-203 राइफल के लिए मूल समझौता फरवरी 2019 में किया गया था. इंडिया-रशिया राइफल्स के माध्यम से 6,01,427 एके-207 राइफलों का निर्माण होगा.
Posted by: Pritish Sahay