Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के साथ खड़ा है भारत, संकट के बीच 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर की दी सहायता

भारत श्रीलंका के साथ मजबूती से खड़ा है. भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से निपटने के लिए इस वर्ष 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2022 9:07 PM
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कोलंबो में तेजी से हो रहे घटनाक्रम पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक तरीकों, मूल्यों और संवैधानिक मार्ग के जरिये समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि श्रीलंका हमारी की नीति में केंद्रीय स्थान पर है, इसलिए भारत ने उसे आर्थिक संकट से निपटने के लिए इस वर्ष 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका के बुरे दौर में हम उसके साथ खड़े हैं.


श्रीलंका ने की कठिन दौर से उबरने की कोशिश

बागची ने कहा, भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी है और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं. हम उन कई चुनौतियों से अवगत हैं जिनका श्रीलंका और उसके लोग सामना कर रहे हैं, और हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं क्योंकि उन्होंने इस कठिन दौर से उबरने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक तरीकों, मूल्यों और संवैधानिक मार्ग के माध्यम से समृद्धि और प्रगति की आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं.

श्रीलंका के घटनाक्रम पर भारत की नजर

विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत श्रीलंका के घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए है और वह उन कई चुनौतियों से अवगत है, जिनका देश और उसके लोग सामना कर रहे हैं. श्रीलंका में राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने मध्य कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में धावा बोल दिया था. इसके बाद राजपक्षे ने घोषणा की थी कि वह इस्तीफा दे देंगे.

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भोजन और दवाओं की कमी से जूझ रहा श्रीलंका

श्रीलंका की स्थिति पर मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने श्रीलंका को उसके गंभीर आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए भारत की वित्तीय सहायता का भी उल्लेख किया. बताते चले कि गंभीर आर्थिक संकट से ग्रस्त श्रीलंका पिछले कुछ महीनों से भोजन, ईंधन और दवाओं की भारी कमी से जूझ रहा है. राष्ट्रपति राजपक्षे ने स्थिति से निपटने के लिए मई में रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.

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