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भारत का ब्रह्मोस सूपरसोनिक क्रूज मिसाइल, 450 किमी तक दुश्मन को कर सकता है धराशायी

भारत ने मंगलवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल (Bharmos Supersonic missile) का सफल प्रशिक्षण किया. सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण आज सुबह 10 बजे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह किया गया. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सीधे अपने टारगेट को मार गिराया. इसका टार्गेट दूसरे द्वीप पर था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2020 3:47 PM

भारत ने मंगलवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल प्रशिक्षण किया. सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण आज सुबह 10 बजे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह किया गया. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सीधे अपने टारगेट को मार गिराया. इसका टार्गेट दूसरे द्वीप पर था.

इस सफल ट्रायल के बाद ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल अब भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार हो गया है. मिसाइल का परीक्षण भारतीय सेना द्वारा किया गया जिसमें डीआरडीओ द्वारा बनाए गए मिसाइल सिस्टम के बनाए गए बहुत से रेजिमेंट हैं. ब्रह्मोस सूपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम अपना श्रेणी में पूरी दुनिया का सबसे तेज ऑपरेशनल सिस्टम है. हाल ही में डीआरडीओ ने मिसाइल की रेंज को 298 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किलोमाटर तक किया है.

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ब्रह्मोस मिसाइल एक यूनीवर्सल लंबी रेंज सूपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम है जिसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है. इस मिसाइल को भारतीय सेना, डीआरडीओ और रशिया ने बनाया है. इसके सिस्टम को दो वेरिएंट्स के हिसाब से बनाया गया है. मिसाइल को एंटी-शिप और लैंड-अटैक रोल के हिसाब से बनाया गया है. ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सेना और जलसेना में कमीशन की गई हैं.

पिछले दो महीनों में डीआरडीओ ने कई मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है. इसमें शौर्य मिसाइल सिस्टम भी शामिल है जो 800 किलोमीटर तक की रेंज में अपने टार्गेट को धराशायी कर सकता है. इस मिसाइल में हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है. इससे पहले पिछले महीने इंडियन नेवी ने अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह 400 किलोमीटर तक हमला करने की ताकत रखता है.

भारत अब सूपरसोनिक क्रूज मिसाइल का मिर्यात करने के लिए बाजारों की तलाश कर रहा है. इन मिसाइलों को डीआरडीओ के प्रोजेक्ट पीजे10 के तहत बनाया गया है. इन मिसाइलों को 90 के दशक के बाद भारत और रूस के साझा प्रयास के बाद तीनों सेनाओं में शामिल किया था.

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गौरतलब है कि देश के दोनों तरफ की सीमा से लगने वाले पाकिस्तान और चीन दोनों ही ऐसे पड़ोसी हैं जो भारत में हमला करने के ताक में रहते हैं.इसलिए भारत अब खुद को सामरिक तौ पर मजबूत रखने के प्रयास कर रहा है. यही वजह है की एक के बाद एक भारत अपनी ताकतों में इजाफा करने में जुटा है

Posted By: Pawan Singh

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