DRDO Long Range Bomb चीन से सटे सीमा पर जारी तनाव के बीच डीआरडीओ-वायु सेना ने स्वदेशी लांग रेंज बम का किया सफल परीक्षण किया है. डीआरडीओ ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये बम पूरी तरह से स्वदेशी है. इसका टेस्ट डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना ने मिलकर एक एरियल प्लेटफॉर्म के जरिए किया.
बताया जा रहा है कि ये स्वदेशी बम दुश्मनों के घर में घुसकर वार करने में सक्षम है. स्वदेशी रूप से विकसित लंबी दूरी के बम का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय वायु सेना की टीम की ओर से आज एक हवाई मंच से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. डीआरडीओ ने बताया कि मिशन के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है.
इससे पहले बुधवार को भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इसके साथ ही भारत के पास पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइल है. अग्नि 5 की टेस्टिंग में सबसे अहम बात ये है कि इसमें स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड भी शामिल है. स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के तहत काम करती है और न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी देश में परमाणु हथियारों से जुड़े मामले देखती है, परमाणु हथियारों से जुड़ी रणनीति बनाती है.
अग्नि 5 मिसाइल परमाणु हथियार लेकर जाने में भी सक्षम हैं. इसलिए इसके परीक्षण में स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड को शामिल किया गया. स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड की मौजूदगी में हुए परीक्षण से साफ हो गया है कि अब ये मिसाइल सुरक्षाबलों के इस्तेमाल के लिए तैयार है. यानी अब चीन के कई शहर सीधे-सीधे भारत के निशाने पर हैं. अग्नि-5 को डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है और इसका वजन करीब 50,000 किलोग्राम है.
मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है और इसका व्यास 2 मीटर है. यह 1500 किलोग्राम का वारहेड तीन चरणों वाले रॉकेट बूस्टर के शीर्ष पर रखा जाएगा जो ठोस ईंधन द्वारा संचालित होते हैं. वैज्ञानिकों ने कहा है कि भारतीय अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अपने सबसे तेज गति से 8.16 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलने वाली ध्वनि की गति से 24 गुना तेज होगी और 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की उच्च गति हासिल करेगी. यह सटीक निशाना लगाने में भी सक्षम है. इसे मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है.
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