मालदीव के सबसे बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट पर काम करेगा भारत, खर्च होंगे इतने पैसे

भारत ने मालदीव के कई विकास संबंधी परियोजनाओं पर कार्य करने के लिए सहमति जतायी है. दोनों देशों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए भारत मालदीव की विभिन्न विकास परियोजनाओं में राशि खर्च करेगा जिसमें 500 मिलियन डॉलर की ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (GMCP) भी शामिल है. इसके जरिये मालदीव में ढांचागत विकास पर जोर दिया गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर और मालदीव में उनके समकक्ष अब्दुल्ला शाहिद की बैठक के बाद यह तय हुआ. विदेश मंत्री ने इस दौरान कहा कि मालदीव के साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए दोनों देशों के बीच रोजगार, पर्यटन और मेडिकल सुविधाओं के लिए आवाजाही को आसान किया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2020 9:49 AM
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सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि वह मालदीव में ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के बेहतर कार्यान्वयन के लिए 100 मिलियन डॉलर का अनुदान के तौर पर देगा और 400 मिलियन डॉलर नई लाइन ऑफ क्रेडिट के वित्तीय पैकेज के जरिये देगा. विदेश मंत्री ने कहा कि मालदीव की सबसे बड़ी परियोजना होगी, जिसमें तीन पड़ोसी द्वीपों विलिंगिली, गुलहिफाहु और थिलाफुशी को जोड़ने के लिए 6.7 किलोमीटर का ब्रिज बनाया जायेगा. विलिंगिली और गुलहिफाहु में भारत अपनी सीमा के अंदर बंदरगाह का निर्माण कर रहा है. जबकि थिलाफुशी एक नये औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित हो रहा है.

माना जा रहा कि एक बार चारों द्वीपों को जोड़ने का काम पूरा हो जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयेगी जिससे रोजगार के नये अवसर बनेंगे. साथ बी माले क्षेत्र में शहरी विकास को बल मिलेगा. कोविड-19 के कारण समस्याओं का सामना कर रहे मालदीव को त्वरित मदद पहुंचाने के लिए भारत ने 250 मिलियन डॉलर वित्तीय सहायता विस्तार की घोषणा भी की है. इसके साथ ही भारत और मालदीव के बीच कार्गो फेरी सेवा शुरू करने की घोषणा की गयी.

मालदीव भारत का पहला पड़ोसी देश है जिसके साथ एयर बबल संचालन किया जा रहा है. इसके तहत दोनों देशों के विमान एक दूसरे देशों में बिना किसी रोक टोक के आ जा सकेंगे. मालदीव के साथ एयर बबल को बढ़ाना भारतीय समर्थन का प्रतीक माना जा रहा है. पर दोनों ही देशों में स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जायेगा. अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोलीह के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के संबंधों मे सुधार हुआ है. सोलीह और उनकी सरकार मे इंडिया फर्स्ट की नीति पर काम किया.

Posted By: Pawan Singh

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