सर्विलांस एयरक्राफ्ट से ड्रैगन की होगी निगरानी, भारत-अमेरिका के बीच हो रही डील
भारत अपने पड़ोसी देशों खास कर चीन के साथ अपने संबंधों को देखते हुए और बार्डर पर चल रहे तनातनी को लेकर अपनी सामरिक शक्ति को और मजबूत करने में जुट गया है. इसके मद्देनजर भारत अपने रक्षा सौदौं में तेजी ला रहा है. भारत अमेरिका से छह और पोसाइडन (P-8I) एयरक्राफ्ट (Poseidon 8i aircrafts ) खरीदने की तैयारी में है. लंबी दूरी वाले इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल भारतीय नौसेना (Indian Navy) पहले से ही कर रही है. पोसाइडन (P-8I) एयरक्राफ्ट में खास रडार से लेकर इलेक्ट्रोऑप्टिक सेंसर्स लगे होते हैं. साथ ही यह हारपून ब्लॉनक-II और एमके-54 लाइटवेट टारपीडो (light weight torpido) से लैस हैं. वर्तमान में इनका इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख और हिंद महासागर में सर्विलांस मिशन के लिए हो रहा है.
भारत अपने पड़ोसी देशों खास कर चीन के साथ अपने संबंधों को देखते हुए और बार्डर पर चल रहे तनातनी को लेकर अपनी सामरिक शक्ति को और मजबूत करने में जुट गया है. इसके मद्देनजर भारत अपने रक्षा सौदौं में तेजी ला रहा है. भारत अमेरिका से छह और पोसाइडन (P-8I) एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी में है. लंबी दूरी वाले इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल भारतीय नौसेना पहले से ही कर रही है. पोसाइडन (P-8I) एयरक्राफ्ट में खास रडार से लेकर इलेक्ट्रोऑप्टिक सेंसर्स लगे होते हैं. साथ ही यह हारपून ब्लॉक-II और एमके-54 लाइटवेट टारपीडो से लैस हैं. वर्तमान में इनका इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख और हिंद महासागर में सर्विलांस मिशन के लिए हो रहा है.
डिफेंस सूत्रों के मुताबिक पेंटागन के फॉरेन मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम के तहत हो रहे इस सौदे के लिए करीब 1.8 बिलियन डॉलर में छह और P-8I एयरक्राफ्ट के लिए ‘लेटर ऑफ रिक्वेस्ट’ जारी कर दिया गया है. अमेरिकी कांग्रेस के अप्रूवल के बाद ‘लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस’ भेजेगा. उम्मीद की जा रही है कि यह सौदा अगले साल तक हो जायेगा. इससे पहले इसकी खरीद के लिए जनवरी 2009 में 2.1 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ था. नेवी आठ P-8I एयरक्राफ्ट्स को पहले ही अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है. फिर जुलाई 2016 में अलग से 1.1 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ था, जिनकी डिलीवरी अगले दिसंबर से शुरू हो जायेगी.
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सोमवार को फ्रांस के घातक लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप भारत को मिल जायेगी. रिपोर्ट्स क मुतिबाक सीमा पर चीन के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए राफेल की तैनाती लद्दाख सेक्टर में की जायेगी. पहले चार विमान ही आने वाले थे मगर एयरफोर्स की रिक्वेस्ट पर फ्रांस 27 जुलाई तक छह राफेल देने के लिए मान गया है. लद्दाख में भारत इस तरीके से विकसित कर रहा है कि वह किसी भी मौसम में कठिन से कठिन परिस्थियों में भी हमला करने के लिए तैयार रहे. इस तैयारी में राफेल की तैनाती एक बड़ा हथियार साबित होगा. इस लड़ाकू विमान में मीटियोर की बियांड विजुअल रेंज मिसाइल भी लगकर आएगी.
Posted By: Pawan Singh