ChatGPT और Gemini को टक्कर देगा भारत, जल्द लॉन्च होगा अपना AI मॉडल, अश्विनी वैष्णव ने किया बड़ा ऐलान

India AI Model: भारत बहुत जल्द अपना AI मॉडल लॉन्च करने जा रहा है. इसका ऐलान आज केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है.

By Ayush Raj Dwivedi | January 30, 2025 4:19 PM

India AI Model: भारत ने एआई (AI)के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा में एक समारोह के दौरान घोषणा की. भारत जल्द ही अपना जनरेटिव AI मॉडल लॉन्च करेगा, जो OpenAI के ChatGPT और चीन की DeepSeek के मॉडल की तर्ज पर तैयार होगा. इस मॉडल को इस साल के भीतर लॉन्च किए जाने की संभावना है, और केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इसे 6 से 8 महीनों के भीतर तैयार किया जा सकता है.

भारत में AI विकास का तेजी से होगा विकास

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में कम से कम छह प्रमुख डेवलपर्स हैं, जो इस AI मॉडल को विकसित करने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही, उन्होंने AI इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए एक “कॉमन कंप्यूट फैसिलिटी” स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके तहत, सरकार ने शेयर्ड कंप्यूटिंग रिसोर्स के लिए प्राथमिकता दी है. इस पहल के तहत, “इंडिया AI कंप्यूट फैसिलिटी” ने अपनी शुरुआत में ही उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, और इसके पास लगभग 19,000 GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) हैं, जिनमें से 12,896 Nvidia H100 GPU और 1,480 Nvidia H200 GPU शामिल हैं। इनमें से 10,000 GPUs अब उपयोग के लिए तैयार हैं, और यह फैसिलिटी सभी डेवलपर्स के लिए खुली होगी, जिससे AI विकास को तेज़ी से बढ़ावा मिलेगा.

भारत जल्द लाएगा अपना AI मॉडल – अश्विनी वैष्णव

मंत्री ने यह भी बताया कि भारत अपना खुद का “फाउंडेशन AI मॉडल” तैयार करेगा, जो भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक विविधताओं को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया जाएगा। इस मॉडल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इसमें किसी प्रकार का पूर्वाग्रह (bias) न हो। इसके लिए, AI डेवलपर्स अपने प्रस्तावों को दायर कर सकते हैं और इस मॉडल को 6-8 महीनों में तैयार करने का लक्ष्य है.

AI रेस में मजबूत होगा भारत

इस घोषणा के साथ, भारत भी वैश्विक AI रेस में खुद को मजबूत तरीके से शामिल कर रहा है. OpenAI द्वारा 2023 के अंत में ChatGPT लॉन्च करने के बाद, AI मॉडल की रेस तेज़ हो गई है, और अब चीन ने भी अपनी AI तकनीकों को तेजी से विकसित किया है, जिनकी लागत अमेरिकी कंपनियों से काफी कम है. भारत के इस कदम से देश में AI तकनीकी विकास को नई दिशा मिल सकती है.

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