अब फाइजर और मॉडर्ना से कोरोना वैक्सीन नहीं खरीदेगा भारत, किफायती घरेलू टीकों का बढ़ा उत्पादन
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र की मोदी सरकार ने घरेलू स्तर पर ही किफायती और आसानी से स्टोर किए जाने वाले टीकों के उत्पादन में उत्साहजनक बढ़ोतरी के बाद यह फैसला किया है.
नई दिल्ली : भारत अब विदेशी दवा निर्माता कंपनी फाइजर बायोनटेक और मॉडर्ना से कोरोना रोधी टीकों की खरीद नहीं करेगा. सरकारी सूत्रों के हवाले से हालांकि, दुनिया भर में विख्यात अमेरिका की इन दोनों दवा कंपनियों ने कोरोना के टीकों को किसी निजी कंपनी को नहीं बेचने का फैसला किया है, लेकिन दुनिया के सबसे बड़ी आबादी वाले देश में उसके टीके उपलब्ध नहीं होंगे.
सूत्रों के हवाले से मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने कोरोना रोधी टीकों के इस्तेमाल से किसी प्रकार के दुष्प्रभाव पर कानूनी सुरक्षा के लिए विदेशी कंपनियों की ओर से मांगी जा रही मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. सरकार के विश्वस्त सूत्र ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल 2021 में की गई अपील का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पहले देश में कोरोना रोधी टीकों की कमी और जरूरत थी. उस समय भारत में कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर थी.
सरकार के एक दूसरे सूत्र ने मीडिया को बताया कि विदेशी दवा निर्माता कंपनी फाइजर बायोनटेक और मॉडर्ना के कोरोना रोधी टीकों की कीमत अधिक होगी, तो हम उनकी शर्तों को क्यों मानें? उन्होंने कहा कि सरकार ने फाइजर और मॉडर्ना के कोरोना टीकों की खरीद नहीं करने का फैसला किया है. हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि अमेरिकी दवा कंपनियां फाइजर और मॉडर्ना जरूरी नियामकीय मंजूरी के साथ निजी कंपनियों के साथ समझौता कर सकती हैं.
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उधर, भारत में फाइजर के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि इस पर चर्चा चल रही है. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी भारत में कोरोना वैक्सीन लाने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में उनकी कंपनी केवल दुनिया भर की सरकारों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करेगी.