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टाइम मैगजीन की पहली किड ऑफ द ईयर बनी भारतीय मूल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव

नयी दिल्ली : टाइम मैगजीन ने पहली बार कवर पर किशोर को प्राथमिकता दी है. भारतीय मूल की 15 वर्षीया अमेरिकी साइंटिस्ट और इनोवेटर गीतांजलि राव को टाइम मैगजीन ने किड ऑफ द ईयर से नवाजा है. गीतांजलि राव का चयन पांच हजार से अधिक दावेदारों में से किया गया है. टाइम मैगजीन के 14 दिसंबर के कवर पर गीतांजलि राव की तस्वीर के साथ एंजेलिना जोली का इंटरव्यू भी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2020 6:30 PM

नयी दिल्ली : टाइम मैगजीन ने पहली बार कवर पर किशोर को प्राथमिकता दी है. भारतीय मूल की 15 वर्षीया अमेरिकी साइंटिस्ट और इनोवेटर गीतांजलि राव को टाइम मैगजीन ने किड ऑफ द ईयर से नवाजा है. गीतांजलि राव का चयन पांच हजार से अधिक दावेदारों में से किया गया है. टाइम मैगजीन के 14 दिसंबर के कवर पर गीतांजलि राव की तस्वीर के साथ एंजेलिना जोली का इंटरव्यू भी है.

टाइम मैगजीन की पहली किड ऑफ द ईयर बनी भारतीय मूल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव 2

कोलोरैडो स्थित अपने घर से डिजिटल माध्यमों से अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता एंजेलिना जोली को इंटरव्यू देते हुए गीतांजलि ने बताया है कि दस साल की उम्र में ही पहली बार उसने माता-पिता से कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी पर रिसर्च की बात की थी. इसके बाद से ही उसके जीवन में बदलाव की शुरुआत हुई. उसके बाद 11 वर्ष की उम्र में ही डिस्कवरी एजुकेशन 3M साइंटिस्ट चैलेंज जीता.

गीतांजलि राव ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में ही एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जिससे पानी में से सीसे की मात्रा का पता लगाया जा सकता है. मोबाइल जैसे इस डिवाइस का नाम गीतांजलि ने ‘टेथिस’ रखा है. पानी में इस सेंसर को मात्र कुछ सेकेंड तक रखने पर ही पता चल जाता है कि पानी में सीसे की कितनी मात्रा है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गीतांजलि ने कहा है कि, ”अवलोकन करें, सोच विचार करें, अनुसंधान करें, निर्मित करें और उसे बताएं.” साथ ही कहा, ”हर समस्या का हल करने की कोशिश ना करें, बल्कि उस एक पर ध्यान केंद्रित करें, जो आपको प्रदीप्त करती हो. यदि मैं यह कर सकती हूं, तो कोई भी यह कर सकता है.”

गीतांजलि ने एंजेलीना जोली को दिये इंटरव्यू में बचपन की बातें साझा करते हुए कहा कि, ”जब वह दूसरी या तीसरी ग्रेड में थी तभी से उसने यह सोचना शुरू कर दिया था कि वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग किस तरह से सामाजिक बदलाव लाने में कर सकती है.

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