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पूर्वी लद्दाख के चुशुल में कल फिर होगी भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों की बातचीत, डिसइंगेजमेंट पर होगी चर्चा

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है, 'भारत और चीन की सेना के बीच कल पूर्वी लद्दाख के चुशुल में सुबह 10:30 बजे कॉर्प्स कमांडर स्तर की 11वें दौर की वार्ता होगी। इस वार्ता में फ्रिक्शन पॉइंट पर डिसइंगेजमेंट पर चर्चा होगी.'

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2021 1:32 PM

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच महीनों से चले सीमा विवाद को लगातार सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. इस मसले को लेकर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच अब तक करीब 10 दौर की बातचीत हो गई है. खबर है कि भारत और चीन की सेना के बीच शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख के चुशुल में सुबह 10:30 बजे कॉर्प्स कमांडर स्तर की 11वें दौर की बैठक आयोजित की जाएगी. इस बैठक में फ्रिक्शन पॉइंट पर डिसइंगेजमेंट पर चर्चा होने की संभावना है.

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है, ‘भारत और चीन की सेना के बीच कल पूर्वी लद्दाख के चुशुल में सुबह 10:30 बजे कॉर्प्स कमांडर स्तर की 11वें दौर की वार्ता होगी. इस वार्ता में फ्रिक्शन पॉइंट पर डिसइंगेजमेंट पर चर्चा होगी.’ हालांकि, सूत्रों ने यह भी बताया है कि चीन के साथ होने वाली इस बैठक में भारत गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से सैनिकों की जल्द वापसी पर भी जोर देगा. इसके अलावा, देपसांग में लंबित मुद्दों के समाधान पर भी जोर दिया जाएगा.

बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले साल 5 मई को सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था. पैंगोंग झील वाले क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद दोनों पक्षों ने भारी हथियारों के साथ सीमा पर हजारों सैनिक तैनात किये थे. दोनों देशों के बीच यह वार्ता भारत-चीन के बीच सैन्य विवाद को लेकर हाल ही में हुई राजनयिक स्तर की बातचीत के बाद होगी. पिछले महीने सैन्य और राजनीतिक स्तर की विभिन्न दौर की बैठक के बाद दोनों देश पैंगोंग में सेना हटाने पर सहमत हुए थे. सभी पक्षों ने विवाद के समाधान का श्रेय सेना प्रमुख एमएम नरवणे को दिया था.

इसके पहले पहले लद्दाख के पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से दोनों देशों की सेनाओं की वापसी के पूरा होने के दो दिन बाद 20 फरवरी को भारत और चीन की सेनाओं के कोर कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच 10वें दौर की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में तकरीबन 16 घंटे चली बातचीत में पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे गतिरोध वाले प्वाइंट्स से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया था.

Posted by : Vishwat Sen

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