India-Nepal: विवाद के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का नेपाल दौरा, मिलेगा ये खास सम्मान
भारत के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 3 दिवसीय दौरे पर नेपाल जा रहे हैं.
नयी दिल्ली: भारत के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 3 दिवसीय दौरे पर नेपाल जा रहे हैं. सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे 4 नवंबर को नेपाल जाएंगे और 6 नवंबर तक वहीं रूकेंगे. जनरल नरवणे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के आमंत्रण पर नेपाल जा रहे हैं.
I am delighted to be visiting Nepal on the kind invitation & to meet my counterpart General Purna Chandra Thapa. I am sure that this visit will go a long way in strengthening the bonds and friendships that the two armies cherish: Army Chief General MM Naravane pic.twitter.com/z2U9ouMvv2
— ANI (@ANI) November 3, 2020
तीन दिन के दौर पर नेपाल जाएंगे सेनाध्यक्ष
सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी नेपाल यात्रा को लेकर कहा कि मुझे इस तरह से निमंत्रण पर नेपाल जाने और अपने समकक्ष जनरल पूरन चंद्र थापा से मिलने की खुशी है. मुझे पूरा यकीन है कि ये यात्रा दोनों देशों की सेनाओं के बीच बंधुता और मित्रता को मजबूत करेगी. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने नेपाली पीएम को भी शुक्रिया किया.
जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी से होंगे सम्मानित
नेपाल दौरे में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे. इसके बाद नेपाल के सेनाध्यक्ष जनरल पूरन चंद्र थापा से भी मुलाकात करेंगे. जनरल नरवणे नेपाल सेना के आर्मी कमांडर एंड स्टाफ में छात्र तथा अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे.
उम्मीद जताई जा रही है कि सेनाध्यक्ष के इस दौरे से भारत और नेपाल के बीच दोस्ती और विश्वास का रिश्ता मजबूत बनेगा. बता दें कि नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी नरवणे को जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी की उपाधि से सम्मानित करेंगी.
भारत नेपाल के बीच संबंधों में होगा सुधार!
बता दें कि बीते कुछ वक्त से भारत और नेपाल के बीच उत्तराखंड के पास सीमा को लेकर विवाद है. इसे विशेषज्ञ कार्टोग्राफिक्स विवाद कहते हैं यानी मानचित्र को लेकर विवाद. दरअसल, भारत यहां कुछ निर्माण कार्य करवा रहा था जिसका नेपाल ने विरोध किया.
इसके बाद नेपाल ने उत्तराखंड सीमा के पास लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताया. मानचित्र संसोधन से संबंधित विधेयक भी नेपाली संसद में पास किया. नेपाल का दावा है कि 1816 ईस्वी की सुगौली संधि के मुताबिक ये तीनों इलाके उसके हैं जबकि भारत इस दावे को खारिज करता है. उम्मीद है कि सेनाध्यक्ष के दौर से हालात बेहतर होंगे.
Posted By- Suraj Thakur