आर्मी डे: भारतीय सेना के शौर्य को मिलता है सम्मान, पढ़े जवानों की बहादुरी के किस्से

Indian Army Day 2021, Army Day History & significance: भारतीय सेना के शौर्य को सम्मान देते हुए देश में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस यानी आर्मी डे मनाया जाता है. इस साल 73वां सम्मान दिवस मनाया जा रहा है. इस खास दिन के मौकै पर समूचा देश भारतीय सेना की वीरता, सेना के अदम्य साहस और देश के लिए सेना की कुर्बानी को याद करता है. भारतीय सेना के साहस के किस्से तो वैसे हर दिन किसी ना किसी घर में किसी ना किसी रूप में सुनाये जाते हैं पर 15 जनवरी को थल सेना का विशेष परेड का आयोजन किया जाता है. इस बार आर्मी डे परेड का आयोजन करियप्पा परेड ग्राउंड में किया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2021 7:01 AM

भारतीय सेना के शौर्य को सम्मान देते हुए देश में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस यानी आर्मी डे मनाया जाता है. इस साल 73वां सम्मान दिवस मनाया जा रहा है. इस खास दिन के मौकै पर समूचा देश भारतीय सेना की वीरता, सेना के अदम्य साहस और देश के लिए सेना की कुर्बानी को याद करता है. भारतीय सेना के साहस के किस्से तो वैसे हर दिन किसी ना किसी घर में किसी ना किसी रूप में सुनाये जाते हैं. लेकिन 15 जनवरी को थल सेना का विशेष परेड का आयोजन किया जाता है. इस बार आर्मी डे परेड का आयोजन करियप्पा परेड ग्राउंड में किया जाता है.

क्यों मनाया जाता है आर्मी डे
अंग्रेजों की दास्ता से मुक्त होने के बाद पहली बार फील्ड मार्शल कोदंडेरा एम करियप्पा ने आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया था. उस वक्त भारतीय सेना में 2 लाख जवान थे. उनके सम्मान में हर साल आर्मी डे मनाया जाता है. भारतीय सेना की कमान संभालने वाले एम करियप्पा पहले भारतीय थे. बता दे कि भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 में लगभग 125 साल पहले अंग्रेजों ने की थी. पर 15 जनवरी 1949 को एक भारतीय के हाथ में सेना की शक्ति का ट्रांसफर हुआ था.

भारतीय सेना के शौर्य के किस्से
भारतीय थल सेना में वर्तमान में साढ़े 15 लाख से अधिक है. भारत के दुनिया की सबसे बड़ी थलसेना है. दूसरे नंबर पर किम जोंग की सेना है जबकि तीसरे नंबर पर चीन की सेना है. साल 1965 में भारतीय सेना के पाकिस्तान को हराकर अपनी अदम्य ताकत और हिम्मत का परिचय दिया था. इस युद्ध में भारतीय सेना के सभी जवानों से शौर्य का प्रदर्शन किया था लेकिन शहीद अब्दुल हमीद और मोहम्मद नौशाद के पराक्रम की खूब चर्चा होती है. इसके बाद 1971 में भारत पाक के बीच लड़ा गये युद्ध में भारतीय सेना ने अपना पराक्रम दिखाया था. 1962 के भारत चीन युद्ध में भी दुनिया ने भारतीय सेना का पराक्रम और साहस देखा.

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1999 करगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना को चटायी धूल
इसके बाद साल 1999 में भारत पाकिस्तान के बीच करिगल युद्ध हुआ. इस युद्ध में हिंदुस्तान की सेना ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाते हुए घुसपैठियों को करगिल की पहाड़ियों से खदेड़ा था. भारतीय सेना के इतिहास में इस युद्ध को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा. इस बीच भारतीय सेना ने कई मौकों पर अपनी बहादुरी का परिचय दिया. सीमा के अंदर और सीमा पर दोनों जगहों ने भारतीय सेना ने भारत मां का सिर गर्व से ऊंचा किया है.

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सर्जिकल स्ट्राइक
इसके बाद भारतीय सेना ने वह कारनामा किया जिसने भारतीय सेना को दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं की पंक्ति में लाकर खड़ा दिया. सेना ने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवा लिया. जब पुलवामा हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सीमा के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने आंतकी बेस को धवस्त कर दिया था और 300 आंतकियों को मार गिराया था. जबकि भारतीय सेना की ओर से एक भी जवान हताहत नहीं हुआ था. आज भारतीय सेना इतनी ताकतवर है कि चीन भी भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिमाकत नहीं करता है. यह भारतीय सेना की ताकत है. सेना के इसी सम्मान के लिए सेना दिवस मनाया जाता है.

Posted By: Pawan Singh

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