अपाचे हेलिकॉप्टर से पाकिस्तान की खैर नहीं, LOC पर भारत बढ़ाएगा ताकत

भारतीय सेना पश्चिमी रेगिस्तान में अपनी ताकत बढ़ा रही है. भारतीय सेना पाकिस्तान सीमा के पास जोधपुर के एक सैन्य ठिकाने पर अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात करने जा रही है.

By Pritish Sahay | January 1, 2024 9:37 PM
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नये साल में पाकिस्तान की खैर नहीं… कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने की भारतीय सेना तैयारी कर रही है. सेना पश्चिमी रेगिस्तान में पाकिस्तान सीमा के पास जोधपुर के एक सैन्य ठिकाने पर अपने छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात करने जा रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैन्य अधिकारियों ने बताया है कि पहला हेलिकॉप्टर अमेरिका से फरवरी-मार्च में पहुंचना शुरू हो सकता है. इसके बाद इन लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को ऑपरेशन के लिए जोधपुर के सैन्य स्टेशन पर तैनात किया जाएगा. बता दें, भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों तैनात है. अब इस बेड़े में छह और हैलिकॉप्टर के शामिल होने से इसकी संख्या 28 हो जाएगी.

अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर है अपाचे
अमेरिका के साथ अनुबंध के मुताबिक भारत अपने 50 से अधिक पायलटों और तकनीशियनों को अमेरिकी सुविधाओं में प्रशिक्षित कर चुके हैं. इससे पहले बीते साल बोइंग ने ऐलान किया था कि उसने भारतीय सेना के लिए अपाचे हेलीकॉप्टरों का उत्पादन शुरू कर दिया है.बता दें इससे पहले अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को 2020 में चीनी आक्रमण शुरू होने के तुरंत बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किया गया था. अपाचे अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर है जो हर मौसम और हर परिस्थिति में उड़ान भरने और दुश्मनों को ढेर करने में सक्षम है.

पाकिस्तान ने तैनात किया है हॉवित्जर तोप
गौरतलब है कि बीते हफ्ते पाकिस्तान ने भारतीय सीमा से कुछ किलोमीटर दूर एक नया एयरफील्ड बनाया है. जहां वो चीन से आयातित होवित्जर तोपों को तैनात किया है. हालांकि अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि इस एयरफील्ड का इस्तेमाल वो साधारण उड़ानों के लिए इस्तेमाल करेगा या फिर आर्मी के लिए.

अपाचे हेलिकॉप्टर की खूबियां
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की गिनती दुनिया के सबसे आधुनिक और घातक हेलिकॉप्टरों में होती है. यह दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में पूरी तरह सक्षम हैं. अमेरिका ने खुद अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक में किया था. इस युद्ध की खतरनाक मशीन में दो जनरल इलेक्ट्रिक T700 टर्बोशैफ्ट इंजन है और आगे की तरफ एक सेंसर फिट है जिससे यह रात में भी उड़ान भर सकता है. यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है. किसी भी तरह के मौसम में यह अपनी पूरी क्षमता से काम करता है.

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