चीन की सीमा पर भारतीय सेना ने बढ़ायी गश्त, जेट फाइटर से हो रही निगरानी

देहरादून : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी और चीन से वार्ता के बीच उत्तराखंड से लगती सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद कर दी गयी है. भारतीय सेना ने गश्त बढ़ा दी है और निगरानी के लिए वायुसेना के जेट फाइटर विमान उड़ान भरने लगे हैं. शुक्रवार को भी जेट पाइटरों ने सीमा की निगरानी के लिए उड़ानें भरकर टोह ली.

By संवाद न्यूज | October 16, 2020 10:29 PM
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देहरादून : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी और चीन से वार्ता के बीच उत्तराखंड से लगती सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद कर दी गयी है. भारतीय सेना ने गश्त बढ़ा दी है और निगरानी के लिए वायुसेना के जेट फाइटर विमान उड़ान भरने लगे हैं. शुक्रवार को भी जेट पाइटरों ने सीमा की निगरानी के लिए उड़ानें भरकर टोह ली.

सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पिथौरागढ़ से लगनेवाली मिलम और लिपुलेख सीमा पर जवानों की गश्त बढ़ायी गयी है. सुरक्षा एजेंसियों ने भी चीन सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. सेना और अर्द्धसैनिक बलों के जवान अग्रिम चौकियों में 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं. हालात बिगड़ने पर दुश्मन को सबक सिखाने की पूरी तैयारी है.

सुरक्षा बलों के जवान पैदल गश्त कर सीमा की निगरानी कर रहे हैं और वायु सेना आसमान से सीमा पर नजर रखे हुए है. नेपाल सीमा पर भी सुरक्षा बल कड़ी निगाह रखे हुए हैं. वर्तमान में उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित मिलम और लिपुलेख में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है. लिपुलेख में अधिकतम तापमान पांच डिग्री तक आ गया है.

बर्फबारी से पहले की जा रही विशेष तैयारी

बर्फबारी के दौरान हालात बिगड़ने की चीन की चेतावनी के मद्देनजर विशेष तैयारी की जा रही है. वर्तमान में हिमालयी क्षेत्र में बादल छाने से ठंड में और इजाफा हो गया है. कालापानी से लेकर लिपुलेख और मिलम तक अक्तूबर अंतिम सप्ताह से बर्फबारी शुरू हो जाती है.

लिपुलेख में 12 से 15 फीट तक हिमपात होता है. सीमा पर जिस तरह से हलचल हो रही है, उसको देखते हुए इस बार सुरक्षा बलों के जवानों के भारी हिमपात में भी अग्रिम चौकियों पर डटे रहेंगे. सुरक्षा बलों ने अग्रिम चौकियों तक रसद और अन्य साज-ओ-सामान जमा कर लिया है.

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