पुलवामा हमला: पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हमला (Pulwama attack 14 february 2019) किया, तो हमारे जवानों ने 100 घंटे के भीतर हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी कामरान को मार गिराया था. भारत की सेना (Indian Army) ने जब पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, तो वे अपनी जान की भीख मांगने लगे. कोई भी आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) का सरगना बनने के लिए तैयार नहीं है.
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के श्रीनगर स्थित 15वीं कॉर्प्स के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) केजेएस ढिल्लन ने सोमवार (14 फरवरी 2022) को पुलवामा हमले की तीसरी बरसी पर ये बातें कहीं. श्री ढिल्लन ने कहा है कि सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से आतंकवादी संगठन के लोग घबरा गये हैं. हमने कुछ मैसेज इंटरसेप्ट किये हैं, जिसमें यह सुना जा रहा है कि पाकिस्तान (Pakistan) में बैठे उनके आका नेतृत्व स्वीकार करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन कोई इसके लिए तैयार नहीं हो रहा है. लोग जैश का नेतृत्व करने से इंकार कर रहे हैं.
श्री ढिल्लन ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन एकजुट हो गये हैं. अगर पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों की मदद न करे,तो कोई भी शख्स लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार नहीं कर पायेगा. तमाम आतंकवादी पाकिस्तानी सेना की निगरानी में भारत की सीमा पार करके घुसपैठ करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने गुलमर्ग सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो सीमा पार स्थित पाकिस्तानी पोस्ट से हमारी सीमा में दाखिल हुए हैं.
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने तीन साल पहले 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए अपने 40 जवानों को सोमवार को पुष्पांजलि अर्पित की. सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) डीएस चौधरी के नेतृत्व में अर्धसैनिक बल के अधिकारियों और जवानों ने श्रीनगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर शहीद स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. चौधरी और सीआरपीएफ के अन्य जवानों ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और 40 जवानों के बलिदान को सलामी दी.
The security forces eliminated the module behind the Pulwama attack led by a Pakistani national Kamran within 100 hours of the attack: Lt Gen KJS Dhillon (Retd) who commanded 15 Corps in Srinagar, J&K when the 2019 Pulwama attack took place pic.twitter.com/vk5Xj7XWrS
— ANI (@ANI) February 14, 2022
एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन से सीआरपीएफ की एक बस को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद हुए विस्फोट में बल के 40 जवान शहीद हो गये थे. यह बस जम्मू से श्रीनगर जा रहे काफिले का हिस्सा थी. सीआरपीएफ के अधिकारी ने कहा कि बल का प्रयास घाटी में शांति बनाये रखना और अपने जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना है. बल के एक जवान ने अपने साथी जवानों को याद करते हुए कहा कि इस हमले के कारण बल का मनोबल टूटा नहीं है.
सीआरपीएफ के एक अन्य जवान एसएनएस मुंडा ने कहा कि उन्हें अपने साथियों की याद आती है और वे उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे. उन्होंने कहा, ‘यह (श्रद्धांजलि) इस बात का संदेश है कि हम उन्हें भूले नहीं हैं और हम सभी के लिए अपना जीवन कुर्बान करने वाले शहीदों को हम नमन करते हैं.’
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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (J&K LG Manoj Sinha) ने वर्ष 2019 में पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी और केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद की समस्या को मिटा देने का संकल्प लिया. पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) के आतंकवादियों द्वारा पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को किये गये हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके जवाब में भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट (Balakot Surgical Strike) में आतंकवादी शिविरों (Terrorist Camps) को निशाना बनाते हुए एक हवाई हमला (Surgical Strike) किया था.
Posted By: Mithilesh Jha