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LAC: अभी पूरी तरह पीछे नहीं हटेगी भारतीय सेना, चीन कर सकता है चालबाजी, जानिए पूरा मामला

बता दें कि अप्रैल 2020 से पहले पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर करीब 8 हजार से 10 हजार सैनिक तैनात रहते थे. लेकिन उसके बाद हुए झड़प के परिणामस्वरूप इस संख्या में भारी इजाफा हो गया. बताया जा रहा है कि पर्वती इलाका होने के कारण भी गतिरोध वाले जगहों से सैनिकों की पूरी वापसी नहीं हो पा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2022 12:14 PM

LAC: भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हुए विवाद को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. कई हद तक यह विवाद स्थिर भी होता दिख रहा है. दोनों देशों की सेना LAC से पीछे हटने लगी है. लेकिन अब कई ऐसी बनती दिख रही है जिससे भारत को अपने सैनिकों और उपकरणों को कम करने या हटाने से रोक रही थी. भारत चीन के किसी भी तरह की चालबाजी के खिलाफ सतर्क है. इस वजह से भारतीय सैनिकों ने फैसला किया है कि अभी गतिरोध वाले इलाकों को पूरी तरह से खाली नहीं किया जाएगा.

2020 से पहले जैसी स्थिति बनने तक एलएसी पर मौजूदगी

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि गोगरा हॉट स्प्रिंग्स (गश्ती पॉइंट 15) में केवल कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर सैनिकों की वापसी हुई. सूत्रों ने यह भी कहा है कि एलएसी पर सैनिकों की मौजूदगी तब तक बनी रहेगी, जब तक कि अप्रैल 2020 से पहले जैसी स्थिति नहीं हो जाती है. सूत्रों का कहना है कि हमारे सैनिकों की तैनाती दूसरे पक्ष पर निर्भर करता है. जबतक दूसरा पक्ष इसे अमल नहीं करता है ताबतक वहाँ भारतीय सैनिकों की तैनाती बनी रहेगी.

क्या है वापसी में देरी की वजह

बता दें कि अप्रैल 2020 से पहले पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर करीब 8 हजार से 10 हजार सैनिक तैनात रहते थे. लेकिन उसके बाद हुए झड़प के परिणामस्वरूप इस संख्या में भारी इजाफा हो गया. बताया जा रहा है कि पर्वती इलाका होने के कारण भी गतिरोध वाले जगहों से सैनिकों की पूरी वापसी नहीं हो पा रही है. चीन जहां सिर्फ दो दिनों में अपने सैनिकों को वापस कर सकता है. वहीं, भारत को कम से कम दो और अधिक से अधिक सात स्पाह का समय लग सकता है. तिब्बती पठार के कारण चीन को अपने सैनिकों लाने और ले जाने में कोई देरी नहीं होगी. वहीं, भारतीय सैनिकों को लेह से एलएसी की तरफ जाने के लिए खारदुंग ला, चांग ला या तस्क ला जैसे उच्च दर्रों को पार करना पड़ता है.

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