Indian Army: भारतीय सीमाओं पर बढ़ती चुनौतियों के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कई स्वदेशी हथियार सेना को सौंपे. इनमें एके-203 और एफ-इंसास राइफलों के अलावा नई एंटी पर्सोनेल माइन निपुण भी शामिल है. नए हथियार ईईएल व अन्य भारतीय कंपनियों ने विकसित किए हैं. इस अवसर पर भारतीय सेना के मुख्य इंजीनियर लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने सेना प्रमुख की ओर से देश का आश्वस्त किया है कि हम किसी भी खतरे से निपटने को तैयार हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए भारत सरकार ने कई नीतिगत निर्णय लिए हैं. सेना में कई नए हथियार शामिल किए जाने के मौके पर उन्होंने यह बात कही. इन हथियारों में माइंस, आमने सामने लड़ाई के हथियार, इन्फैंट्री के लड़ाकू वाहन शामिल हैं. वहीं, इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भारतीय सेना के फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सोल्जर इन ए सिस्टम (F-Insas) की नई हथियार प्रणालियों और AK-203 असॉल्ट राइफल व शस्त्रों की जानकारी दी गई. भारतीय सेना ने आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को चीन के साथ सटी सीमा स्थित पैंगोंग झील में तैनात लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट की क्षमता का प्रदर्शन किया.
बता दें कि लंबे समय से भारतीय सेना NMM 14 माइन्स का उपयोग कर रही थी. हालांकि, अब एआरडीई और भारतीय कंपनियों ने मिलकर नया एंटी-पर्सनल बारूदी सुरंग बनाया है. जिसका नाम Nipun है. इस एंटी-पर्सनल माइन से सीमाओं पर घुसपैठ से सुरक्षा मिलेगी.
भारत की इंसास राइफल को अब एके-203 से रिप्लेस किया जा रहा है. यह इंसास के मुकाबले काफी हल्की, छोटी और हाईटेक है. एके-203 की लेंथ 705एमएम है. यह काफी खतरनाक गन है. इसी रेंज 800 मीटर तक है और मैगजीन 30 राउंड तक का है. इसे ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि एके 203 में 600 बुलेट प्रति मिनट के हिसाब से फायर किया जा सकता है.
आधुनिक हथियारों, बुलेटप्रूफ जैकेट और यंत्रों से लैस भारतीय सेना के जवान के पास मल्टी मोड हैंड ग्रैनेड होगा. साथ ही मल्टी परपज चाकू भी. इनके जूते बारूदी सुरंगों से इन्हें बचाएंगे. सेकेंड सब प्रोटेक्शन सिस्टम के तहत बने हेलमेट और बुलेटप्रूफ जैकेट काफी ज्यादा मजबूत और हल्के हैं. इनमें कई मॉड्यूलर पाउच हैं, जिनमें ग्रैनेड्स, मैगजीन, रेडियो सेट्स और अन्य सामान रखे जा सकते हैं. थर्ड सब सिस्टम में कम्यूनिकेशन और सर्विलांस सिस्टम रहेगा. हर सैनिक के पास एक रेडियो सेट होगा. जो हैंड्स फ्री होगा. सेक्शन कमांडर अलग से कम्यूनिकेशन-सर्विलांस डिवाइस लेकर चलेगा. ताकि रीयल टाइम में अपनी टीम के साथ संपर्क में रह सके.
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