सेना में 147 और महिलाओं को मिला स्थायी कमीशन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई
सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिये जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सेना ने 147 और शाॅर्ट सर्विस कमीशन की महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया है.
सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिये जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सेना ने 147 और शाॅर्ट सर्विस कमीशन की महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया है. स्थायी कमीशन मिलने के बाद महिलाओं को पेंशन का लाभ मिलता है, पहले उन्हें सरकारी पेंशन प्राप्त नहीं होता था,क्योंकि पेंशन की सुविधा एक अधिकारी के रूप में सेवा के 20 साल करने के बाद ही मिलती है.
एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार सेना ने कुल 615 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर विचार किया था, जिनमें से 424 को स्थायी कमीशन दे दिया गया है. जिन अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं मिला है उनका केस प्रशासनिक कार्यों से फंसा हुआ है. साथ ही केंद्र सरकार ने एक याचिका दाखिल की है जिसपर अभी विचार किया जाना है.
147 more Women Officers are being granted Permanent Commission (PC), taking total PC granted to 424 out of 615 officers considered. Results of few Women Officers withheld for administrative reasons & awaiting outcome of clarification petition filed by UOI in SC: Indian Army pic.twitter.com/YZ5DwTj6gn
— ANI (@ANI) July 14, 2021
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था कि महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन ना देना उनके साथ भेदभाव पूर्ण रवैया है और उन्हें संविधान के अनुसार समानता का अधिकार प्राप्त है इसलिए उन्हें स्थायी कमीशन दिया जाये.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार ने महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष बोर्ड गठित किया था. जिसके बाद उन्हें स्थायी कमीशन दिये जाने की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन कुछ महिलाओं ने उसके बाद थी यह शिकायत की कि उन्हें स्थायी कमीशन नहीं मिला है, जिस याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की थी और उसके बाद 147 अन्य महिलाओं को भी स्थायी कमीशन मिला है.
गौरतलब है कि कोर्ट के फैसले से पूर्व सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन नहीं मिलता था और उनकी नियुक्ति शाॅर्ट सर्विस कमीशन पर होती थी, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें काफी सहूलियत हो गयी है. इससे पहले पुरुष एसएससी अधिकारी 10 साल की सेवा के अंत में स्थायी कमीशन का विकल्प चुन सकते थे, लेकिन यह विकल्प महिला अधिकारियों के लिए उपलब्ध नहीं था. जिसकी वजह से महिलाएं किसी भी कमांड नियुक्ति से बाहर रहती थीं और उन्हें सरकारी पेंशन प्राप्त नहीं होता था,क्योंकि पेंशन की सुविधा एक अधिकारी के रूप में सेवा के 20 साल करने के बाद ही मिलती है.
Posted By : Rajneesh Anand