भारतीय सेना के जवानों को मिली अमेरिकी राइफल व स्विस पिस्टल, LAC पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी
Indian Army भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस सबके बीच, भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने की कवायद की जा रही है. इसी के मद्देनजर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास तैनात भारतीय सेना के जवानों को हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे है.
Indian Army भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस सबके बीच, भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने की कवायद की जा रही है. इसी के मद्देनजर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास तैनात भारतीय सेना के जवानों को हर तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे है. ताकि चीन की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी कड़ी में लद्दाख के नयोमा में फॉरवर्ड बेस पर सेना के जवानों को एसआईजी सॉर 716 असॉल्ट राइफल और स्विस एमपी-9 पिस्टल मुहैया कराई गई है. ताकि, चीन से सटे सीमाओं पर भारतीय सेना के जवान हर चुनौती का सामना कर सकें. बता दें कि भारत और चीन के बीच एलएसी पर पिछले कुछ समय से सीमा विवाद को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है. तनाव को कम करने के उद्देश्य से दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल की बातचीत का दौरा जारी है. इस बातचीत में दोनों के बीच विवादित स्थान से सैनिकों को पीछे हटाने की सहमति भी बनी है.
बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना ने आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के तहत एसआईजी सॉर 716 असॉल्ट रायफल के पहले बैच को शामिल किया था. इन अत्याधुनिक राइफलों का प्रयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में भी किया जाएगा. इस रायफल से भारतीय सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी. दरअसल, यह रायफल नजदीक से मार करने और दूर से मार करने वाली रायफलों की श्रेणी की सबसे उन्नत तकनीक से लैस है.
भारत ने चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए 75 हजार रायफलों का ऑर्डर दिया था. कैलिबर के इन रायफलों से दुश्मन को 500 मीटर की दूरी से ही ढेर किया जा सकता है. इसके लिए पिछले साल अक्तूबर में अमेरिकी कंपनी एसआईजी सॉर से 780 करोड़ रुपए का सौदा किया गया था. नए रायफल इंसास राइफल्स की जगह ले रहे हैं, जिसका उत्पादन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज बोर्ड की ओर से किया गया था.
वहीं, भारत से सटे अपनी सीमा पर चीन लगातार आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में जुटा है. इसी कड़ी में बीते दिनों चीन ने भारत की सीमा पर पहली बार बुलेट ट्रेन से सैनिक भेजकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. करीब 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली यह बुलेट ट्रेन तिब्बत की राजधानी ल्हासा से सैनिकों को लेकर निंगची शहर पहुंची जो भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास है. पीएलए से जुड़ी एक वेबसाइट के अनुसार, ऐसा पहली बार था जब ल्हासा-निंगची बुलेट रेलवे के जरिये सेना के जवानों को ले जाया गया. भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित निंगची शहर चीन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.
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