लाइव अपडेट
दोनों देश पीछे हटने को तैयार
चीन और भारत पूर्वी लद्दाख इलाके से पीछे हटने को तैयार हो गया है. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार दोनों देश के कमांडर स्तर की बातचीत में यह तय किया गया है कि दोनों सेना पीछे हटेगी. हालांकि कितना पीछे हटेगी यह फील्ड अफसर तय करेंगे.
थल सेना प्रमुख नरवणे लेह रवाना
थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे लेह के लिए रवाना हो गये हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार आर्मी चीफ वहां पर 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे.
सीडब्ल्यूसी की बैठक
कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक मंगलवार को आरंभ हो गयी जिसमें मुख्य रूप से भारत-चीन गतिरोध पर चर्चा होगी. सूत्रों का कहना है कि नेपाल के साथ गतिरोध और कोरोना संकट और लॉक डाउन के कारण पैदा हुए हालात पर भी विचार हो सकता है और सरकार को कुछ सुझाव भी दिए जा सकते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हो रही बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हैं.
अमेरिकी सांसद ने किया चीन की निंदा
अमेरिका के एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी सासंद ने भारत की सीमा पर चीन की हालिया अक्रामक गतिविधियों की निंदा करते हुए चीन से अपील की कि वह तनाव बढ़ाने वाली ‘धृष्टता की राह' को छोड़ कूटनीति को अपनाए. पिछले सप्ताह गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. दोनों ही देशों के बीच सीमा को लेकर जारी गतिरोध के बीच पिछले करीब पांच दशकों में इस बड़ी हिंसक झड़प ने स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया. सासंद राजा कृष्णमूर्ति ने एक बयान में सोमवार को कहा है, ‘मैं चीन की सरकार द्वारा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक निंयत्रण रेखा) पर हालिया खतरनाक आक्रामक गतिविधि और बेवजह जीवन को हुई क्षति से बेहद चिंतित हूं.'
एलएसी पर ड्रोन रखेगा चीन की हरकतों पर नजर
भारत सरकार ने चीन की हरकतों पर नजर रखने के लिए इजरायल ड्रोन को एलएसी पर तैनात करेगी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह ड्रोन चीन की हरकतों पर नजर रखेगा. इस ड्रोन की खासियत यह है कि ये 30000 ऊपर की भी चीजों का पता भी आसानी से लगा लेता है. भारत ने 2015 में इजरायल से यह ड्रोन खरीदा था.
ग्लोबल टाइम्स ने फिर उगला आग
पूर्वी लद्दाख की गलवान नदी घाटी में तनाव का स्तर जिस तरह से बढ़ता जा रहा है, उससे चीन की बेचैनी भी साफ सामने आने लगी है. चीन का मुख्यपत्र सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स लगातार भारत के खिलाफ आग उगल रहा है. अब उसने लिखा है कि अगर भारत चीनी उत्पादों का बहिष्कार करता है तो यह आत्मघाती कदम होगा. अखबार ने कहा कि बॉयकॉट चाइना भारत के बस की बात नहीं है. बता दें कि लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव का असर व्यापार पर दिखने लगा है.
आर्मी चीफ का आज लेह दौरा
भारतीय सीमा पर तनाव के बीच आज आर्मी चीफ एमएम नरवणे लेह का दौरा करेंगे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार आर्मी चीफ वहां पर 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे.
भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को पीछे धकेला
सिक्किम के नाकुला एरिया का एक वीडियो सामने आया है स जिसमें भारतीय जवान चीनी सैनिकों को एलएसी पर से पीछे धकेल रहे हैं. इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी होती है. हालांकि ये वीडियोे कब की है, इसके बारे में जानकारी सामने नहीं आई है.
अब कारोबार में कसेगी नकेल
सीमा पर संघर्ष के बीच भारत सरकार ने चीन पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है. लाइव मिंट के अनुसार मोदी सरकार जल्द ही आयात शुल्क बढ़ा सकती है, वहीं महाराष्ट्र ने सभी निवेश 5 हजार करोड़ के निवेश करार को रद्द कर दिया है और अंतिम फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ दिया है.
हमारे भी कमांडेंट मरे
चीन ने कहा है कि गलवान घाटी के हिंसक झड़प में उसके भी एक कमांडेंट मारा गया. चीन इससे पहले, झड़प में कितने सैनिक हताहत हुए थे, इसकी जानकारी नहीं दी थी. बताया जा रहा है कि इस हिंसक झड़प में चीन के तकरीबन 40 जवान हताहत हुए हैं.
रूसी रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ की बैठक आज
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज रूस के रक्षामंत्री के साथ बैठक करेंगे. वे इस दौरान रूसी रक्षा मंत्री से मिग-21 सहित कई युद्ध विमान सौदा की बात कर सकते हैं. बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अपने तीन दिवसीय विदेश दौरे पर गये हैं.
सैन्य अधिकारियों की बैठक
गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव जारी है. सोमवार को दोनों देश के सैन्य अधिकारियों के बीच विवाद सुलह करने के लिए तकरीबन 11 घंटे की बातचीत चली, लेकिन बातचीत बेनतीजा रहा. माना जा रहा है कि आज भी दोनों देश के अधिकारी स्तर की बातचीत होगी. 15-16 जून की दरम्यानी रात में हुई हिंसक घटना के बाद दोनों देश के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. इस हिंसे में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के भी तकरीबन 40 जवान हताहत हुए. हालांकि चीन ने अबतक अपने यहां मरे हुए सिपाहियों के बारे में नहीं बताया है.