India China Border Dispute: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बहाली के उपायों को विकसित करने में हमेशा ही भारत पहल करता रहा है. हालांकि, चीन की ओर से लगातार घुसपैठ की कोशिश से जुड़ी खबरें सुर्खियां बनती है. दरअसल, चीन कहता कुछ है और करता कुछ है, जिसे भारत भी बेहद अच्छे से समझने लगा है. इन सबके बीच, लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर और अधिक झड़प की संभावना जताई जा रही है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सुरक्षा आकलन का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प जून, 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के रूप में पहली बार सामने आया था. लद्दाख में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है. बताया जा रहा है कि गलवान में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्तों में खटास आई है. इससे न सैन्य और कूटनीतिक वार्ता भी प्रभावित हुई है.
बताते चलें कि गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारत की तरफ से 20 जवानों ने शहादत दी थी. इसके बाद पिछले सितंबर में दोनों देशों के सेनाओं के बीच गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर झड़प सामने आई थी. वहीं, दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में घरेलू मजबूरियों और क्षेत्र में उनके आर्थिक हितों को देखते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अपने सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करना जारी रखेगी और झड़पें भी अक्सर होती रहेंगी, जो एक पैटर्न का पालन कर सकती हैं या नहीं भी कर सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर झड़पों और तनाव के पैटर्न का विश्लेषण करें तो 2013-2014 के बाद से हर 2-3 साल के अंतराल के साथ इसमें वृद्धि हुई है. उल्लेखनीय है कि भारत और चीन 3500 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं, जो 1950 के दशक से विवादित है.