2000 के नोट लाने और फिर वापस लेने से संदेह के घेरे में इंडियन करेंसी, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का बड़ा बयान
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि 2000 के नोट लाने और फिर वापस लेने से इंडियन करेंसी संदेह के घेरे में आ गयी है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई और बढ़ती असमानताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत कम गति से बढ़ रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि 2000 रुपये का नोट जारी करने और बाद में इसे वापस लेने से भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा हुआ है. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतक नीचे की ओर इशारा कर रहे हैं और इस बात का भरोसा कम है कि अर्थव्यवस्था उच्च वृद्धि के रास्ते पर पहुंच जाएगी.
खतरनाक है मणिपुर की स्थिति
पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि मणिपुर की स्थिति खतरनाक है और इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लगातार चुप्पी से सवाल उठते हैं. मणिपुर में जातीय संघर्षों में 75 से अधिक लोगों की जान चली गई है. चिदंबरम ने कहा कि इससे भी बुरी बात यह है कि सरकार अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश भी नहीं करती है.
भारतीय करेंसी पर संदेह की स्थिति
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और लोगों से इसे 30 सितंबर तक बैंकों में जमा करने या बदलने के लिए कहा. चिदंबरम ने कहा, 2000 रुपये के नोट की शुरुआत और उसे वापस लेने के दर्दनाक तमाशे ने भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा किया है.
Also Read: Karnataka: पांच गारंटी पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध, बोले डीके शिवकुमार- चिंता की जरूरत नहीं
अर्थव्यवस्था में गिरावट की प्रवृत्ति- पी चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा कि वर्तमान दशाएं नौ फीसदी की औसत वृद्धि से बहुत दूर हैं. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तीन तिमाहियों में वृद्धि दर क्रमश: 13.2 फीसदी, 6.3 फीसदी और 4.4 फीसदी रही है, जो गिरावट की प्रवृत्ति का दर्शाता है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई और बढ़ती असमानताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत कम गति से बढ़ रही है.