नयी दिल्ली : भारत के शीर्ष दवा नियामक के एक विशेषज्ञ पैनल ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज से यह तय करने के लिए अधिक जानकारी मांगी है कि क्या स्पूतनिक लाइट के लिए मार्केटिंग ऑथराइजेशन की सिफारिश की जाए. बता दें कि स्पूतनिक लाइट, स्पूतनिक-V का सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार भारत का ड्रग कंट्रोलर देश में और ज्यादा वैक्सीन लाने की कवायद में लगा है.
बुधवार को डीआरएल के प्रस्ताव पर विचार कर रही विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने कहा कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने सिफारिश की कि फर्म को देश में मार्केटिंग ऑथराइजेशन के अनुदान के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए रूस में किये जा रहे स्पूतनिक लाइट के चरण 3 नैदानिक परीक्षण की सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता डेटा प्रस्तुत करना चाहिए.
स्पूतनिक लाइट अनिवार्य रूप से स्पुतनिक-V की पहली खुराक है, जिसे मॉस्को में गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है. बता दें कि भारत के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V का भी उपयोग किया जा रहा है. यह डबल डोज वैक्सीन है और भारत में इसे ड्रग कंट्रोलर ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है.
एक अलग डेवलपमेंट में, एसईसी ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के 2 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवोवैक्स का परीक्षण करने के अनुरोध को वापस लेने से इनकार कर दिया, जब तक कि यह वयस्क परीक्षणों से डेटा का अध्ययन नहीं करता. समिति का कहना है कि वैक्सीन किसी भी देश में स्वीकृत नहीं है.
बच्चों पर परीक्षण को लेकर समिति के सूत्रों ने बताया कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने सिफारिश की कि फर्म को बच्चों में नैदानिक परीक्षण के संचालन पर विचार करने के लिए वयस्कों में चल रहे नैदानिक परीक्षण से सुरक्षा और इम्यूनोजेनेसिटी डेटा जमा करना चाहिए.
Posted By: Amlesh Nandan.