WHO के सामने पेश होने से पहले Covaxin के डेटा का अध्ययन करेगा भारतीय विशेषज्ञों का पैनल

नयी दिल्ली : स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता नहीं मिली है. अमेरिका में भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी कोवैक्सीन (Covaxin) को नहीं मिली. वहीं भारत में आज केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की आज बैठक में कोवैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकट ट्रायल का डेटा देखा जायेगा. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस डेटा को कल होने वाली डब्ल्यूएचओ की बैठक में पेश किया जाना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2021 11:58 AM

नयी दिल्ली : स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता नहीं मिली है. अमेरिका में भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी कोवैक्सीन (Covaxin) को नहीं मिली. वहीं भारत में आज केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की आज बैठक में कोवैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकट ट्रायल का डेटा देखा जायेगा. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस डेटा को कल होने वाली डब्ल्यूएचओ की बैठक में पेश किया जाना है.

जब स्वदेशी वैक्सीन को अमेरिका में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली तो देश में ही वैक्सीन की प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे. इसके बाद कंपनी ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा डब्ल्यूएचओ के सामने पेश करने की तैयारी की है. बता दें कि जनवरी 2021 से देश भर में शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम में कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड को सबसे पहले मंजूरी दी गयी थी. देश की एक बड़ी आबादी को कोवैक्सीन लगायी भी जा चुकी है.

नाम न छापने की शर्त पर सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि आवश्यक डेटा जमा कर दिया गया है और विशेषज्ञ पैनल की बैठक आज होने की संभावना है. भारत बायोटेक ने बुधवार, 23 जून को डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के प्रतिनिधियों के साथ कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल), कोरोनावायरस रोग (कोविड -19) के खिलाफ उनके टीके के लिए एक पूर्व-सबमिशन बैठक निर्धारित की है.

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एचटी के रिपोर्ट में पहले ही कहा गया था कि भारत के पहले मेक-इन-इंडिया वैक्सीन, कोवैक्सिन ने अंतिम अंतरिम चरण 3 विश्लेषण में 78 फीसदी की प्रभावकारिता दिखाई है. मार्च में जारी किया गया पहला अंतरिम विश्लेषण परिणाम 43 मामलों पर आधारित था. जिनमें से कोविड-19 के 36 प्लेसीबो समूह बनाम 7 BBV152 (Covaxin) समूह में देखे गए. जिसके परिणामस्वरूप टीके के 80.6% प्रभावकारिता का अनुमान लगाया गया था.

दूसरा अंतरिम विश्लेषण अप्रैल में कोविड-19 के 87 से अधिक रोगसूचक मामलों के आधार पर सामने आया. इसमें भी दिखाया गया कि गंभीर कोविड-19 बीमारी के खिलाफ प्रभावकारिता 100 फीसदी थी. इसकी वजह से लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत कम आयी. तीसरे चरण के अध्ययन 18-98 वर्ष की आयु के 25,900 प्रतिभागियों पर किये गये. जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के 10 फीसदी लोग शामिल थे.

बता दें कि आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने कोरोना का टीका कोवैक्सीन विकसित किया था. इसे 3 जनवरी को भारत के ड्रग कंट्रोलर से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली. जनवरी में ही शुरू हुए कोरोना टीकाकरण में इस वैक्सीन को शामिल किया गया.

Posted By: Amlesh Nandan.

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