यमन में फंसी निमिषा प्रिया, मिली मौत की सजा, बचाने के लिए मोदी सरकार ने बढ़ाया हाथ
Indian Nurse Nimisha Priya: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में भारत सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए उनके परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है.
Indian nurse Nimisha Priya: केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया, जो 2012 में यमन में काम करने गई थीं, को एक हत्या के मामले में यमन की अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. हाल ही में यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने उनकी सजा की पुष्टि करते हुए अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, निमिषा को अगले एक महीने के भीतर मृत्युदंड दिया जा सकता है.
इस मामले में भारत सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए उनके परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को कहा कि सरकार निमिषा के मामले से पूरी तरह अवगत है और उन्हें हरसंभव मदद दी जा रही है.
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क्या है मामला?
निमिषा प्रिया पर 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या का आरोप है. निमिषा का दावा है कि उन्होंने तलाल को नशीला इंजेक्शन दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई, लेकिन उनका इरादा हत्या का नहीं था.
कैसे हुई घटना?
तलाल और निमिषा ने मिलकर एक क्लीनिक शुरू किया था. तलाल ने धोखाधड़ी करते हुए क्लीनिक की आय पर कब्जा कर लिया और खुद को निमिषा का पति बताने लगा. विवाद बढ़ने पर उसने निमिषा के साथ मारपीट और यौन शोषण शुरू कर दिया. इस उत्पीड़न से तंग आकर निमिषा ने नशीला इंजेक्शन देकर तलाल से अपने पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश की. हालांकि, यमन की निचली अदालत और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने निमिषा को हत्या का दोषी मानते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई. अब भारत सरकार इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रही है और उनके परिवार को हर कानूनी विकल्प तलाशने में मदद कर रही है.
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