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India China news : देश की एकता और अखंडता के मुद्दे पर हम सब एक हैं, चीन को भारतीय संसद से मिला जवाब

Indian Parliament give message to china We all together on the issue of unity and integrity of the country defence ministry gave statement in rajya sabha : लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन की सेना के साथ जारी गतिरोध के बीच आज देश की संसद ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है और हमने राजनयिक एवं कूटनीतिक माध्यम से पड़ोसी देश को बता दिया है कि यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा. वहीं विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा है कि देश की एकता और अखंडता के मुद्दे पर हम सब एक हैं.

नयी दिल्ली : लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन की सेना के साथ जारी गतिरोध के बीच आज देश की संसद ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है और हमने राजनयिक एवं कूटनीतिक माध्यम से पड़ोसी देश को बता दिया है कि यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य होगा. वहीं विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा है कि देश की एकता और अखंडता के मुद्दे पर हम सब एक हैं.

राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर राज्यसभा में दिये अपने बयान में कहा ‘‘ चीन की गतिविधियों से पूरी तरह से स्पष्ट है कि उसकी ‘कथनी और करनी’ में अंतर है . क्योंकि जब बातचीत चल रही थी तब उसने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया जिसे हमारे सैन्य बलों ने विफल कर दिया . ” उन्होंने कहा, ‘‘ हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे वीर जवान इस चुनौती पर खरे उतरेंगे . हम मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हम देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. ” रक्षा मंत्री के बयान के बाद सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के मुद्दे पर हम सब एक हैं. आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) चीन के साथ विवाद के मुद्दे पर सरकार के साथ पूरी तरह से खड़ी है. लेकिन कोई समझौता नहीं होना चाहिए और अप्रैल में वे (चीनी सैनिक) जहां थे, उन्हें वहीं जाना चाहिए. यह हमारा प्रयास होना चाहिए. भारत चीन सीमा पर उत्पन्न स्थिति से जुड़ी हर Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

बहरहाल, इससे पहले रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ भारत तथा चीन दोनों ने औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा का प्रश्न एक जटिल मुद्दा है जिसके समाधान के लिए संयम की आवश्यकता है तथा इस मुद्दे का उचित, व्यवहारिक और एक दूसरे को स्वीकार्य समाधान, शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के द्वारा निकाला जाए.” राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी तक भारत-चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में साझा रूप से चिन्हित वास्तविक नियंत्रण रेखा नहीं है और वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों पक्षों की समझ अलग-अलग है. उन्होंने कहा कि इसलिए शांति बहाल रखने के वास्ते दोनों देशों के बीच कई तरह के समझौते और प्रोटोकॉल हैं. सिंह ने कहा, ‘‘ हमने चीन को राजनयिक तथा सैन्य माध्यमों के जरिये यह अवगत करा दिया, कि इस प्रकार की गतिविधियां, स्थिति को यानी यथास्थिति को एक तरफा बदलने का प्रयास है. यह भी साफ कर दिया गया कि ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है.”

उन्होंने कहा,‘‘ मैंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हम मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान करना चाहते हैं और चीनी पक्ष इस पर हमारे साथ काम करे. लेकिन किसी को भी भारत की सम्प्रभुता और अखंडता की रक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता पर रत्ती भर भी संदेह नहीं होना चाहिए .” सिंह ने अप्रैल के बाद से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के हालात और सीमा पर शांति के लिए कूटनीतिक तथा सैन्य स्तर पर किये गये प्रयासों का भी उल्लेख किया. उच्च सदन में दिये गए अपने बयान में उन्होंने कहा कि युद्ध की शुरूआत तो किसी के हाथ में होती है लेकिन इसका अंत किसी के हाथ में नहीं होता है. जिस धरती से शांति का संदेश पूरे विश्व में गया, उस धरती की शांति में विघ्न डालने के प्रयास किये जाते हैं .

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उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारण का प्रश्न अभी अनसुलझा है और दोनों पक्ष मानते हैं कि सीमा जटिल मुद्दा है तथा शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये इसका समाधान निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार किया जा सकता है और सीमा मुद्दे पर बातचीत की जा सकती है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी उल्लंघन वाली गतिविधि का द्विपक्षीय रिश्तों पर असर पड़ेगा. सिंह ने हाल ही में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मॉस्को में हुई अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैंने यह भी स्पष्ट किया कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करे.

हमने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस बात पर बल देना चाहूंगा कि भारत शातिपूर्ण बातचीत और परामर्श से सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी उद्देश्य से मैंने चार सितंबर को चीनी रक्षा मंत्री से बातचीत की.” रक्षा मंत्री ने कहा कि इस वर्ष की स्थिति पहले से बहुत अलग है, फिर भी हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ वह सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच इन प्रमुख सिद्धांतों पर सहमति बनी है कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान करना चाहिए और कड़ाई से उसका पालन करना चाहिए, किसी भी पक्ष को यथास्थिति के उल्लंघन का प्रयास नहीं करना चाहिए और दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए. सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए. हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे.

Posted By : Rajneesh Anand

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