डाक विभाग देश भर के श्रद्धालुओं तक पहुंचायेगा मां वैष्णो देवी का प्रसाद, जानें कैसे मंगा सकेंगे आप

जम्मू : माता वैष्णो देवी मंदिर (Mata Vaishno Devi) का प्रसाद अब देशभर में श्रद्धालुओं को उनकी मांग पर घर तक पहुंचा दिया जायेगा. जम्मू कश्मीर के रेयासी जिले में त्रिकूट पर्वत पर स्थित मंदिर को 16 अगस्त को खोला गया. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण मंदिर करीब पांच महीने बंद रहा. मंदिर का प्रबंधन देखने वाले बोर्ड ने देश भर में लोगों तक प्रसाद पहुंचाने के लिए डाक विभाग (India Post) से करार किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2020 6:00 PM

जम्मू : माता वैष्णो देवी मंदिर (Mata Vaishno Devi) का प्रसाद अब देशभर में श्रद्धालुओं को उनकी मांग पर घर तक पहुंचा दिया जायेगा. जम्मू कश्मीर के रेयासी जिले में त्रिकूट पर्वत पर स्थित मंदिर को 16 अगस्त को खोला गया. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण मंदिर करीब पांच महीने बंद रहा. मंदिर का प्रबंधन देखने वाले बोर्ड ने देश भर में लोगों तक प्रसाद पहुंचाने के लिए डाक विभाग (India Post) से करार किया है.

बोर्ड ने यहां एक बयान में कहा, ‘श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने देशभर में श्रद्धालुओं को प्रसाद पहुंचाने के लिए डाक विभाग के साथ एक समझौता किया है.’ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार और निदेशक (मुख्यालय) डाक विभाग, जम्मू कश्मीर गौरव श्रीवास्तव ने आध्यात्मिक विकास केंद्र कटरा में शनिवार को समझौते पर दस्तखत किये.

बयान में कहा गया, ‘श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खासकर मौजूदा हालात के दौरान बोर्ड ने प्रसाद को पहुंचाने की सुविधा शुरू की है.’ बयान में कहा गया, ‘बोर्ड की इस पहल से महामारी के कारण यात्रा नहीं कर पाए श्रद्धालुओं तक प्रसाद पहुंचाने में बड़ी मदद होगी.’

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ना लाभ, ना हानि के आधार पर बोर्ड ने प्रसाद की तीन श्रेणियों की शुरुआत की है जिसे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए बुक किया जा सकता है. फोन के जरिए नंबर – 9906019475 पर कॉल कर भी इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है.

इससे पहले श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए उनकी गैरमौजूदगी में भवन स्थित यज्ञ शाला में हवन या पूजा की सुविधा की भी शुरुआत की थी. बहरहाल, बोर्ड ने कहा कि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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