नयी दिल्ली: भारत में कार्यरत पेशेवरों का एक बड़ा हिस्सा काम को लेकर तनाव महसूस कर रहा है. एक सर्वेक्षण में कार्य-जीवन असंतुलन, अपर्याप्त आय और धीमी करियर प्रगति को देश में काम के तनाव के शीर्ष तीन कारण बताए गए हैं.
पेशेवरों को आपस में जुड़ने के लिए ‘ऑनलाइन’ मंच प्रदान करने वाली लिंक्डइन (LinkedIn) ने भारत में काम के तनाव को दूर करने के लिए कार्यबल भरोसा सूचकांक का एक विशेष ‘मानसिक स्वास्थ्य’ संस्करण जारी किया है. पेशेवर कैसे अपने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कार्य में अधिक लचीलेपन की उम्मीद करते हैं, इसका भी उल्लेख किया गया है.
यह सर्वेक्षण 31 जुलाई से 24 सितंबर तक 3,881 पेशेवरों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है. इससे प्राप्त निष्कर्ष बताते हैं कि भारत के आधे से अधिक (55 प्रतिशत) कार्यरत पेशेवर काम के दौरान तनाव महसूस कर रहे हैं.
Also Read: मानसिक रूप से व्याकुलता का अनुभव, स्वास्थ्य का रखें ध्यान
कार्यबल भरोसा सूचकांक के नवीनतम संस्करण से पता चला है कि काम की दुनिया में भारी बदलाव के बावजूद, 31 जुलाई से 24 सितंबर, 2021 तक भारत का समग्र कार्यबल विश्वास 55 के समग्र अंक के साथ स्थिर रहा.
काम के तनाव के अपने प्राथमिक कारणों को साझा करने के लिए कहे जाने पर, कार्यरत पेशेवरों ने व्यक्तिगत जरूरतों के साथ काम को संतुलित करना(34 प्रतिशत), पर्याप्त पैसा नहीं कमाना (32 प्रतिशत) और धीमी गति से कैरियर की उन्नति (25 प्रतिशत) का उल्लेख किया.
लिंक्डइन के भारत में क्षेत्रीय प्रबंधक आशुतोष गुप्ता ने कहा, ‘बदलाव के इन तनावपूर्ण समय ने पेशेवरों के बीच अधिक लचीलेपन और कार्य-जीवन संतुलन की आवश्यकता है. लेकिन, हमारे सर्वेक्षण से पता चलता है कि कर्मचारियों को क्या चाहिए और नियोक्ता तनाव से निबटने के लिए क्या पेशकश कर रहे हैं, इसमें भारी अंतर है.’
Posted By: Mithilesh Jha
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.