Rafale : भारतीय वायुसेना का सबसे उम्दा फाइटर जेट राफेल आज औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना (Rafale Jets Induction in IAF) के 17वें स्क्वाड्रन, ‘गोल्डन ऐरो’ का हिस्सा बन गया. गुरुवार को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर औपचारिक समारोह में इन विमानों को वायुसेना के बेडे़ में शामिल कर लिया गया. इस समारोह में राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी शामिल हुई. राफेल को भारतीय वायुसेना के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है.
राफेल के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत में कई गुना इजाफा हो गया है. भारत के लिए राफेल एक मील का पत्थर माना जा रहा है. राफेल लड़ाकू विमानों के भारतीय वायुसेना होने से चीन और पाकिस्तान की धड़कनें जरूर तेज हो गई होंगी क्योंकि इन दोनों देशों के लिए राफेल से पार पाना बहुत कठीन है. राफेल में लगे हथियार इसे और भी ज्यादा घातक बना देते हैं जिसका काट हमारे दोनों ही पड़ोसी देशों के पास नहीं है. राफेल का सबसे खतरनाक हथियार है स्कैल्प पीएल-15 एमराम मिसाइल. स्कैल्फ मिसाइल 300 किलोमीटर तक हमला कर सकती है . पाकिस्तान की एफ-16 सिर्फ एमराम मिसाइलें लगी हैं और केवल 100 किलोमीटर तक हमला कर सकती है.
भारतीय वायुसेना में राफेल फाइटर जेट के शामिल होने से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ है. पाक के डर का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि वह अभी से चीन से मिसाइल और फाइटर जेट देने की मिन्नतें करने लगा है. पाकिस्तानी एयरफोर्स ने चीन से 30 जे-10सीइ फाइटर जेट और आधुनिक एयर टू एयर मिसाइल की मांग की है.
बता दें कि पांच राफेल जेट विमानों का पहला बैच इसी साल 29 जुलाई को भारत पहुंच गया था. 2016 में भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये समझौता हुआ था. राफेल 4.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है. भारत और फ्रांस के साथ हुए करार के मुताबिक 2022 तक भारत को 36 राफेल जेट भारत को मिल जाएंगे. पहले 18 राफेल जेट अंबाला एयरबेस में रखे जाएंगे, जबकि बाकी के 18 विमान पूर्वोत्तर के हाशीमारा में तैनात किये जाने का प्लान है.
Posted by: Rajat Kumar