Indian Railway: रेलवे की ओर से एक बड़ी पहल की जा रही है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे पहली बार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP Mode) के तहत 150 जोड़ी यात्री ट्रेनों को चलाने पर विचार कर रही है. इसके लिए भारतीय रेलवे ने निजी संस्थाओं से बोलियां भी मांगी है. बता दें, निजी संस्थाओं को इन ट्रेनों में यात्रियों का किराया तय करने का भी अधिकार दिया जाएगा.
रेवेन्यू जनरेट करने की तैयारी: गौरतलब है कि भारतीय रेलवे राजस्व कमाने के लिए यह तैयार कर रही हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जिन 150 ट्रेनों को पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा वो अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनें होंगी. रेलवे का मकसद इन सौदों से करीब 30 हजार करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने की योजना है.
रेलवे मंत्रालय ने की हरी झंडी: रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्रालय की ओर से यह बात सामने आ रही है कि शुरू में नए रेक के साथ 150 जोड़ी यात्री ट्रेनों को चलाया जाएगा. इन ट्रेनों को चलाने में निजी भागीदारी होगी. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अगर यह अभियान सफल होता है तो आगे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी. रेलवे ने कहा है कि पीपीपी मोड पर चलने वाली ट्रेन रेलवे नेटवर्क के 12 क्लस्टर का हिस्सा होंगी.
रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि पीपीपी मोड पर चलने वाली ट्रेनों में से प्रत्येक ट्रेन की न्यूनतम लंबाई 384 मीटर होगी. यह 16 कोचों के बराबर होंगी. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इन ट्रेनों के रखरखाव का खर्च, वित्तपोषण, खरीद और संचालन निजी कंपनियों के जिम्मे होगा.
रेलवे देगी यह सुविधा: रेलवे ने कहा है कि निजी कंपनी मालिकाना हक के साथ ट्रेनों को खरीद सकती हैं या फिर उन्हे लीज पर ले सकती हैं. रेलवे की ओर से इन कंपनियों को रेलवे रेक, स्टेशन, ट्रेन नियंत्रण प्रणाली, पानी और सफाई लाइनों की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. लेकिन निजी कंपनियों को रेलवे को ढुलाई खर्च, पावर चार्ज, और मुनाफा में एक हिस्सा देना होगा.
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