भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देने की तैयारी कर रहा है. इसके तहत वित्त वर्ष 2024 तक भारतीय रेलवे हर वित्तीय वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा. यह खर्च रेलवे के आधारभूत संरचनाओं के विकास पर किया जायेगा. इसके तहत वर्ष 2014 तक पूरे देश में रेल नेटवर्क का विस्तारीकरण किया जायेगा. ताकि माल ढुलाई के साथ साथ यात्री सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा सके.
इसके साथ ही भारतीय रेलवे यात्रियों के लिये भी बेहतर आधारभूत संरचनाओं के विकास पर कार्य कर रहा है. नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत इसपर कार्य किया जा रहा है. इस योजना के तहत रेलवे में बुनियादी निवेश को आकर्षित करना है. इंडिया इंवेस्टमेंट ग्रिड ने ट्वीट कर बताया है कि रेलवे का आधुनिकीकरण किया जायेगा ताकि इससे इसे माल ढुलाई की क्षमता बढ़ाई जायेगी. यात्रियों की सुविधाओं के लिए उन्हें बेहतर व्यवस्था दी जायेगी साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी भी मिलेगी. भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देने से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत यह लक्ष्य रखा गया है कि भारतीय रेलवे पर माल ढुलाई को बढ़ाकर 40 फीसदी से अधिक किया जायेगा. साथ ही पूरे देश में रेलवे लाइन का 100 फीसदी इलेक्ट्रीफिकेशन किया जायेगा. रेलवे का यह प्रयास रहेगा कि वह यात्री सुविधाओं को बढ़ाये, यात्रियों को बेहतर अनुभव प्राप्त हो.
रेलवे का लक्ष्य है कि माल वाहक ट्रेनों की रफ्तार को 2024 तक बढ़ाकर 40 किलोमीटर प्रति घंटा करने का लक्ष्य रखा गया है. सुविधाओं को बढ़ाने और बेहतर करने के लिए निजी क्षेत्रों की भागीदारी को बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा. इसके अलावा रेलवे का लक्ष्य है कि वर्तमान में मौजूद रेलवे लाइन का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सके इसकी तैयारी भी की जा रही है.
इन सबके बीच खबर यह भी आ रही है कि दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे वर्ष 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जक बनाने की तैयारी कर रहा है. बता दे कि भारत का परिवहन क्षेत्र देश के हानिकारक जलवायु उत्प्रेरण गैस उत्सर्जन में 12 प्रतिशत का योगदान देता है. जिसमें रेलवे का लगभग 4 प्रतिशत हिस्सा है. जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सोलर और विंड एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जायेगा, ताकि इंधन का इस्तेमाल घटाया जा सके.