रेल मंत्रालय और केरल सरकार की साझेदारी से तैयार होगा तिरुवनंतपुरम-कासरगोद सेमी हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट
Indian Railway News रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि तिरुवनंतपुरम-कासरगोद सेमी हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट केरल सरकार और रेलवे की साझेदारी से तैयार किया जाएगा. केरल के तिरुवनंतपुरम से कासरगोद तक यह सेमी हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट 531 किलोमीटर लंबा है.
Indian Railway News रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि तिरुवनंतपुरम-कासरगोद सेमी हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट केरल सरकार और रेलवे की साझेदारी से तैयार किया जाएगा. केरल के तिरुवनंतपुरम से कासरगोद तक यह सेमी हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट 531 किलोमीटर लंबा है. केरल रेल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (KRDCL) ने इस परियोजना का क्रियान्वयन के लिए चयन किया है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को बताया कि इस संयुक्त उद्यम कंपनी में केरल सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और रेल मंत्रालय की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सर्वे के बाद केआरडीसीएल (KRDCL) विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानि DPR तैयार की है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना की लागत 63,941 करोड़ रुपये आंकी गई है. प्रोजेक्ट पर आगे कार्यवाही तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता पर निर्भर है. मंत्री वैष्णव ने बताया कि परियोजना की फंडिंग के स्रोत अभी तय नहीं किए गए हैं.
Project of Semi High-Speed Rail (531 Km) from Thiruvananthapuram to Kasargod has been identified by Kerala Rail Development Corporation Limited (KRDCL), a Joint Venture company of Kerala Govt (51%) and Ministry of Railways (49%) for development: Railway Minister Ashwini Vaishnaw pic.twitter.com/oMDttsOors
— ANI (@ANI) December 10, 2021
वहीं, राज्यसभा में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश में औसतन 13,555 रेलगाड़ियों का परिचालन होता है और इनमें 37 प्रतिशत गाड़ियां डीजल इंजनों से संचालित होती हैं. जबकि, शेष 63 प्रतिशत गाड़ियों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजनों द्वारा किया जाता है. दरअसल, रेल मंत्री से पूछा गया था कि क्या यह सच है कि देश में अधिकतर रेलगाड़ियां डीजल और बिजली से चल रही हैं. जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि हां, भारतीय रेल में औसतन 13,555 मालगाड़ी और सवारी गाड़ी दोनों गाड़ियां चलती हैं. इसमें से 63 प्रतिशत और 37 प्रतिशत गाड़ियां क्रमशः बिजली और डीजल इंजनों द्वारा चलती हैं.
साथ ही सरकार ने राज्यसभा में कहा कि देश भर में 6071 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं मुहैया कराई गई हैं और वहां हर महीने करीब 97.25 टेराबाइट डेटा का उपयोग होता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा पहले आधे घंटे के लिए आम लोगों को निशुल्क उपलब्ध है और उसके बाद यह भुगतान आधार पर है. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई का प्रावधान यात्रियों को स्टेशनों पर इंटरनेट का उपयोग करने में सुविधा प्रदान करता है और यह सुविधा ऑनलाइन सेवाएं व सूचना का लाभ उठाने में लोगों की मदद कर रही है.
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