Indian Railways: रेल दुर्घटना रोकने और पटरियों की सुरक्षा को लेकर रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि अब ट्रेनों में कैमरे लगाए जाएंगे. रेल मंत्रालय के अनुसार एक ट्रेन में कुल 8 कैमरे लगाए जाएंगे. रेल मंत्रालय पटरियों की सुरक्षा के लिए खुफिया तंत्र को और बेहतर बनाना चाहता है. सभी राज्यों के डीजीपी को रेलवे ट्रैक की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है. रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और ट्रेन को हादसों से बचाने के लिए जल्द ही देशभर में ट्रेन के इंजन के सामने, कोच के कॉरिडोर में और ट्रेन के बाहर कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरे लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया 3 महीने के अंदर पूरी कर ली जाएगी. कैमरे लगाने के टेंडर में 1,000 से 1,200 रुपये तक खर्च हो सकते हैं.
ट्रेन में कहां-कहां लगाए जाएंगे कैमरे
इंजन के सामने और साइड में कैमरे लगेंगे
इंजन और कोच में कैमरे लगेंगे
ट्रैक पर नजर रखने के लिए कैमरे लगेंगे
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्रेनों में कैमरे लगाने का फैसला हाल के दिनों में शरारती तत्वों द्वारा पटरियों पर कील और पत्थर लगाने की घटना को देखते हुए लिया है. पटरियों पर पत्थर और लोहे के कील लगाने से ट्रेनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है. ट्रेनों में कैमरे लगे होने से पटरियों में अगर कुछ रखा गया है, तो उसकी जानकारी मिल जाएगी और दुर्घटना की आशंका को खत्म किया जा सकेगा.
दुरुपयोग से बचने के लिए पटरियों के पास से बची इंजीनियरिंग सामग्री हटाएं : रेलवे बोर्ड का निर्देश
रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन को निर्देश दिये हैं कि वे पटरियों के आसपास से इस्तेमाल में नहीं आ रही सभी इंजीनियरिंग सामग्री, रेल सामग्री और अन्य उपकरणों को तुरंत हटा दें, ताकि शरारती तत्व इनका दुरुपयोग नहीं कर सकें और रेल परिचालन की सुरक्षा को खतरा न पहुंचा पाएं. रेलवे पटरियों पर गैस सिलेंडर, सीमेंट ब्लॉक आदि जैसी विभिन्न प्रकार के अवरोधक रखकर सुरक्षित रेल परिचालन को बाधित करने के मकसद उपद्रवियों द्वारा कथित प्रयास किए जाने की कुछ घटनाओं के बाद, बोर्ड ने सभी जोनों को नौ सितंबर से एक सप्ताह लंबा सुरक्षा अभियान शुरू करने को कहा है.
एक मीटर लंबा पटरी का टुकड़ा रखे जाने के कारण साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि 17 अगस्त को कानपुर के पास अहमदाबाद जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने की प्रारंभिक संयुक्त जांच से पता चला है कि लगभग एक मीटर लंबा पटरी का टुकड़ा किसी ने सुरक्षित रेल परिचालन को नुकसान पहुंचाने के इरादे से पटरियों पर रख दिया था. अधिकारी ने बताया, उस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है पटरी का टुकड़ा किसने और कहां से खरीदा. हालांकि, हमारी तरफ से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसी कोई भी वस्तु पटरियों के पास न छोड़ी जाए जिससे असामाजिक तत्वों को हमारे खिलाफ इसका फायदा उठाने का मौका मिले.
रेल पटरियों पर किसी भी प्रकार की वस्तु रखना दंडनीय अपराध
रेल पटरियों पर किसी भी प्रकार की वस्तु रखना या उससे छेड़छाड़ करना एक दंडनीय अपराध है. यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है. रेल मंत्रालय ने लोगों को आगाह करते हुए कहा, जिम्मेदार नागरिक बनें और सुरक्षित रेल परिचालन में सहयोग दें.