कोरोना वायरस के लक्षणों के कारण यात्रा से रोके जाने वाले लोगों को टिकट के पूरे पैसे लौटाए जाएंगे. यह जानकारी रेलवे की ओर से दी गयी है. रेलवे ने कहा है कि कोरोना वायरस के लक्षण होने के कारण जिन यात्रियों को रेलगाड़ी में सफर करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, उन्हें टिकट के पूरे पैसे लौटाए जाएंगे.
Also Read: Poco F2 Pro लॉन्च: शानदार कैमरा, दमदार प्रोसेसर के साथ आया शाओमी का नया फोन
गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच की जाएगी और केवल ऐसे लोगों को ही ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं होंगे. आदेश में कहा गया, ” अगर जांच के दौरान यात्री के शरीर का तापमान अधिक है अथवा उसमें कोविड-19 के लक्षण आदि दिखाई देते हैं तो कन्फर्म टिकट होने के बावजूद उसे यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऐसे मामले में यात्री को टिकट के पूरे पैसे लौटाए जाएंगे.”
इसमें कहा गया कि अगर कई यात्रियों ने एक ही टिकट में अपनी बुकिंग कराई हैं और उनमें से एक यात्री को सफर करने के लिए अयोग्य पाए जाने पर अन्य यात्री भी यात्रा नहीं करना चाहते, तो उस टिकट का पूरा पैसा लौटाया जाएगा. इसी तरह, अगर एक यात्री के अयोग्य पाए जाने के बाद समूह के अन्य लोग यात्रा करना चाहते हैं तो केवल एक यात्री का किराया वापस किया जाएगा.
आदेश में कहा गया है, ‘‘इन सभी उक्त मामलों में मौजूदा प्रक्रिया के तहत प्रवेश एवं जांच स्थानों पर यात्रियों के लिए टीटीई प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जिनमें एक या अधिक यात्रियों में कोविड-19 के लक्षणों के कारण यात्रा नहीं कर पा रहे यात्रियों की संख्या का जिक्र होगा.” इसमें कहा गया है कि यात्रा नहीं कर पाने वाले यात्री का पूरा किराया आईआरसीटीसी द्वारा ग्राहक के खाते में भिजवाया जाएगा.
साथ ही रेलवे ने कहा है कि आईआरसीटीसी टिकट बुक करते समय यात्रियों के गंतव्य स्थल के पते का रिकॉर्ड रख रहा है ताकि आवश्यकता पड़ने पर संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा सके.
रेलवे ने 30 जून तक की यात्रा के लिए नियमित ट्रेनों में की गई सभी पुरानी बुकिंग को रद्द करने और टिकट के पूरे पैसे वापस करने का फैसला किया है. रेलवे के एक आदेश में कहा गया है कि एक मई से आरंभ की गई श्रमिक विशेष ट्रेन सेवा और 12 मई से शुरू की गई विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा. जो टिकट रद्द किए जाएंगे, वे लॉकडाउन की अवधि में उस समय बुक कराए गए थे, जब रेलवे ने जून में यात्रा के लिए बुकिंग की अनुमति दी थी.