Indian Railway News: ट्रेन हादसों पर लगेगी लगाम, रेलवे अपनाने जा रही ये हाईटेक तकनीक
भारतीय रेल में सफर करने वालों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. दरअसल, तकनीकि दिक्कतों के चलते देश में कई बड़ी ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं हैं और इन हादसों में कई यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं. ट्रेन हादसों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रेलवे एक और सिस्टम को अमल में लाने की तैयारी है.
IRCTC Indian Railways News भारतीय रेल में सफर करने वालों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. दरअसल, तकनीकि दिक्कतों के चलते देश में कई बड़ी ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं हैं और इन हादसों में कई यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं. ट्रेन हादसों पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रेलवे समय-समय पर योजनाओं को बनाकर लागू करता रहता है. इसी कड़ी में एक और सिस्टम को अमल में लाने की तैयारी है.
विद्युत इंजनों को नाइट विजन कैमरा और अन्य सुविधाओं से लैस करेगा रेलवे
भारतीय रेलवे दुर्घटना की संभावना को कम करने के लिए विद्युत इंजनों को नाइट विजन कैमरा और अन्य सुविधाओं से लैस करेगा. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के वडोदरा में लोको शेड के इंचार्ज प्रदीप मीना ने बताया कि रेल में तकनीकी खराबी होने के दौरान हम इन कैमरों के जरिए ड्राइवर कितना सतर्क था उसे देख सकते हैं.
रेलवे जल्द ही ट्रेनों में लगाएगा टीसीएएस कवच
वहीं, मिल रही जानकारी के मुताबिक, भारतीय रेलवे जल्द ही ट्रेनों में ट्रेन कालिजन अवायडेंस सिस्टम (TCAS) कवच लगाएगा. यह सिस्टम ट्रेन संरक्षा में इस सदी का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस तकनीक से ट्रेनें कभी भी लाल सिग्नल पार नहीं करेंगी. मेक इन इंडिया के तहत रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्स आर्गेनाइजेशन (RDSO) ने इसे विकसित किया है. इस तकनीक का इस्तेमाल ट्रेन और स्टेशन दोनों स्थानों पर किए जाने की प्लानिंग है.
हवाई जहाज की तरह ट्रेन में भी किया जाएगा Black Box जैसी तकनीक
हवाई जहाज की तर्ज पर अब ट्रेनों में ब्लैक बॉक्स तकनीक का इस्तेमाल होगा. बताया जा रहा है कि भारतीय रेलवे जल्द ही इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करेगा जिसके तहत शुरूआत मुंबई की लोकल ट्रेन से की जाएगी. कहा जा रहा है कि ट्रेन के ड्राइवर केबिन के साथ-साथ गार्ड केबिन में भी ऑडियो और वीडियो सिस्टम लगाए जाएंगे. जिससे हादसे के वक्त ड्राइवर और गार्ड केबिन में होने वाली हलचल और बातचीत आदि से हादसे से जुड़ी जानकारियों को आसानी से जुटाया जा सके.
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