कोरोना संक्रमण की वजह से कारोबारियों को तो नुकसान पहुंचा ही है भारतीय रेल को भी इस संक्रमण से काफी नुकसान पहुंचा है. कोरोना संक्रमण की वजह से कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया साथ ही पैसेंजर ट्रेन को भी अस्थायी तौर पर रद्द कर दिया गया था.
कोरोना संक्रमण कम होने के बाद धीरे- धीरे ट्रेन भी पटरी पर वापस लौट रही है. कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बीच रेलवे 1138 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन कर रहा है.पहले की स्थिति के मुकाबले रेलवे आज लगभग 65 फीसद मेल औऱ एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन कर रहा है.
ट्रेन जल्द ही दूसरी बंद बड़ी ट्रेनों के परिचालन के लिए भी लगातार रणनीति बना रहा है. भारतीय रेल लगातार समीक्षा कर रहा है कि किन रूट पर ट्रेन का परिचालन वापस शुरू किया जा सकता है. कोरोना संक्रमण से पहले भारतीय रेल हर दिन दिन 1,768 मेल और एक्सप्रेस चला रहा था.
कोरोना संक्रमण की लगातार कम होती स्थिति को देखते हुए पैसेंजर ट्रेन की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया जा रहा है. जनवरी 2021 में 115 जोड़़ी मेल औऱ एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन को मंजूरी मिल गयी है.
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कई राज्यों से संपर्क के साथ ही भारतीय रेल इस कोशिश में भी लगा है कि उपनगरीय ट्रेन का परिचालन शुरू हो. कोरोना काल में 4,807 सब अर्बन ट्रेनें चलाई जा रही है जबकि कोरोना संक्रमण से पहले रेलवे कुल 5,881 सब अर्बन ट्रेनों का परिचालन कर रहा था. अलावा भारतीय रेलवे 196 पैसेंजर ट्रेन चल रही है. कोरोना संक्रमण से पहले 3634 पैसेंजर ट्रेन चल रही थी.