VIDEO: 331 मीटर ऊंचा देश का पहला केबल रेल ब्रिज रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार, देखें इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना
Indian Railways Anji Khad Cable Bridge Video - बेजोड़ इंजीनियरिंग का नमूना यह अंजी खड्ड ब्रिज जम्मू-कश्मीर में चेनाब की सहायक नदी अंजी के ऊपर बनाया गया है. इस पुल को 96 केबल से सपोर्ट दिया गया है और इसके सारे केबल अब फिक्स कर दिये गए हैं.
Anji Khad Cable Bridge Video Indian Railways News: भारत का पहला केबल आधारित रेल पुल रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हो गया है. बेजोड़ इंजीनियरिंग का नमूना यह अंजी खड्ड ब्रिज जम्मू-कश्मीर में चेनाब की सहायक नदी अंजी के ऊपर बनाया गया है. इस पुल को 96 केबल से सपोर्ट दिया गया है और इसके सारे केबल अब फिक्स कर दिये गए हैं. रेल मंत्री अश्निणी वैष्णव ने इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है, जो देखने में शानदार है. इस पुल की लंबाई 725 मीटर है और यह नदी के तल से लगभग 331 मीटर ऊपर है. भारत के लिए यह पुल इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से कश्मीर घाटी बाकी देश से अब आसानी से जुड़ जाएगा.
In 11 months, India’s first cable stayed rail bridge is ready.
All 96 cables set! #AnjiKhadBridge
PS: Total length of cable strands 653 km🌁 pic.twitter.com/CctSXFxhfa— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) April 28, 2023
725 मीटर लंबे इस पुल में 473 मीटर का भाग केबल के सहारे है.
इसमें केवल एक ही पिलर है, जिसकी कुल लंबाई 193 मीटर है.
यह पुल जम्मू-बारामूला लाइन के कटरा और रियासी खंड को जोड़ेगा.
यह पुल 213 किमी प्रति घंटे की हवा का सामना कर सकता है.
इसपर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी.
अंजी खड्ड ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट सबसे महत्वपूर्ण भागों में शामिल हैं.
यह एक तरफ सुरंग टी-2 (कटरा छोर) और दूसरी तरफ सुरंग टी-3 (रियासी छोर) को जोड़ता है.
यह चेनाब की सहायक नदी अंजी के ऊपर बनाया गया है. इस पुल को 11 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है.
केबल पुल रियासी की तरफ 183 मीटर लंबा है और कटरा की तरफ 290 मीटर. इसपर एक सिंगल लाइन रेलवे ट्रैक है.
यह 326 किलोमीटर लंबी जम्मू-बारामूला रेल लाइन का हिस्सा होगा, जो श्रीनगर से भी होकर गुजरेगी.
यह प्रोजेक्ट उत्तर रेलवे की देखरेख में कोंकण रेलवे और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है.
नदी के तल से इसके टावर तक की ऊंचाई 331 मीटर बन रही है जो फ्रांस के एफिल टावर (330 मीटर) से अधिक है.