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Indian Railways News: बुजुर्ग दंपती को लोअर बर्थ ना देना टीटीइ को पड़ा मंहगा, अब देना होगा तीन लाख का जुर्माना

Indian Railways News : यात्रा के दौरान दंपती ने टीटीइ से लोअर बर्थ देने का आग्रह किया, लेकिन टीटीइ ने लोअर बर्थ नहीं दी. जबकि कोच में छह लोअर बर्थ खाली थे.

By Prabhat Khabar News Desk | April 2, 2021 10:17 AM

Indian Railways News : एक बुजुर्ग दंपती को लोअर बर्थ ना देना टीटीई को मंहगा पड़ गया है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 10 साल पुराने एक मामले में रेलवे को एक बुजुर्ग दंपती को लोअर बर्थ नहीं देने पर तीन लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. मामला कर्नाटक का है. साल 2010 में एक बुजुर्ग दंपती ने सोलापुर से बिरूर जाने के लिए थर्ड एसी में दिव्यांग कोटे से सीट आरक्षित करायी थी, लेकिन उन्हें लोअर बर्थ आवंटित नहीं हुई.

यात्रा के दौरान दंपती ने टीटीइ से लोअर बर्थ देने का आग्रह किया, लेकिन टीटीइ ने लोअर बर्थ नहीं दी. जबकि कोच में छह लोअर बर्थ खाली थे. काफी समय तक परेशान होने के बाद एक यात्री ने अपनी लोअर बर्थ उन्हें दे दी. सीट न मिलने तक वे बहुत परेशान रहे और कुछ समय उन्हें नीचे बैठकर यात्रा करनी पड़ी. ट्रेन सुबह तड़के बिरूर पहुंचनी थी.

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दंपती ने कोच अटेंडेंट और टीटीइ से कहा था कि स्टेशन आने पर उन्हें बता दें ताकि वे वहां उतर सकें. लेकिन, टीटीइ ने उन्हें गंतव्य स्टेशन से करीब सौ किलोमीटर पहले उतार दिया गया जिससे उन्हें बेहद असुविधा हुई. बुजुर्ग दंपती ने रेलवे पर लापरवाही और सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए मुआवजा मांगा. जिला उपभोक्ता फोरम ने रेलवे को घोर लापरवाही और सेवा में कमी का जिम्मेदार ठहराते हुए 3,02,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया. साथ ही 2500 रुपये मुकदमा खर्च भी देने का आदेश दिया.

रेलवे ने आदेश के खिलाफ राज्य आयोग में अपील की. इसके बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेलवे की याचिका खारिज करते हुए राज्य उपभोक्ता फोरम के आदेश को सही ठहराया और तीन लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया. साल 2010 में बुजुर्ग दंपती को लोअर बर्थ ना देना टीटीइ को मंहगा पड़ेगा तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

Posted by : Rajat Kumar

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