Sugar Free: रेलवे यात्रियों के लिए अब शुगर-फ्री और जैन भोजन का विकल्प भी उपलब्ध होगा. रेलवे बोर्ड ने अपने रिजर्वेशन फॉर्म में इन दोनों विकल्पों को शामिल करने के निर्देश दिए हैं. जैन समुदाय के लोग अक्सर लंबी दूरी की ट्रेनों में सात्विक भोजन की कमी का सामना करते हैं, जो उनके लिए एक बड़ी चुनौती रही है. जैन धर्म के अनुयायी सूर्यास्त से पहले भोजन करना पसंद करते हैं और उनके भोजन में लहसुन और प्याज जैसी चीजें शामिल नहीं होतीं. इसी तरह, डायबिटीज से पीड़ित यात्रियों के लिए समय पर विशेष भोजन प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है और उनकी सेहत के लिए भी आवश्यक होता है.
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इन दोनों समस्याओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने अब जैन मील और डायबिटिक मील के विकल्प ट्रेनों में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (पैसेंजर मार्केटिंग) संजय मनोचा ने सभी जोनल कार्यालयों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं, और जल्द ही यह सुविधा यात्रियों को प्रदान की जाएगी. एक सर्वे के मुताबिक भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. वहीं लगभग 42 लाख लोग जैन धर्म को मानने वाले हैं. इन यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है.
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डायबिटीज क्या होता है? (what is diabetes)
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भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या कितनी है? (What is the number of diabetes patients in India)
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