तालिबान सहित दूसरे आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए सीम बल और सशस्त्र पुलिस बलों को नये तरीके से निपटने की रणनीति बनाने और लड़ने के लिए नये सिरे से ट्रेनिंग की जरूरत है. केंद्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने इस संबंध में पाठ्यक्रम तैयार कर इसे लागू करने का आदेश दिया गया है.
इस पाठ्यक्रम के जरिये रणनीति है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद मौजूदा हालात से निपटा जा सके. तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण का भारत के हालात पर यहां की सुरक्षा व्यस्था पर गंभीर असर पड़ेगा.
इस पाठ्यक्रम में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सुरक्षा बल अपनी रणनीति और युद्ध कला को और अपडेट करें और अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद पैदा हुए हालात से निपटने की रणनीति तैयार करें . इसमें स्पष्ट कहा गया है कि भारत पर इसके प्रभाव को देखते हुए पाठ्यक्रम तैयार हो और इसी आधार पर तैयारी रहे.
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आशंका जतायी गयी है कि भारत की तरफ पाकिस्तान घुसपैठ की अपनी कोशिशों को बढ़ा सकता है. पश्चिमी सीमा से लग रही भारतीय सीमा पर हलचल बढ़ी है. पाकिस्तान इस रास्ते से विदेशी लड़कों और आतंकवादियों को घुसपैठ की कोशिश कर रहा है.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान खुद को रणनीति तौर पर मजबूत साबित करने में लगा है. भारत भी इससे निपटने के लिए नयी रणनीति, नयी युद्धकला और नयी तकनीक के अपडेट से जवाब देने की रणनीति पर काम कर रहा है. दूसरी तरफ पाकिस्तान दूसरे देशों के साथ खुफिया बैठक कर अपनी जड़ें मजबूत करने में लगा है.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस को नये सिरे से नये पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित करने की रणनीति बनी है.
इस नये पाठ्यक्रम में नयी तकनीक, नये हथियार और नये कौशल के साथ- साथ तालिबान के संबंध में कई अहम जानकारियों से सैनिकों को लैश करने की भी रणनीति है. इसमें तालिबान की रणनीति को समझने और उनकी योजनाओं को समझकर नये सिरे से रणनीति तैयार करने की समझ विकसित करने की तरफ ध्यान दिया गया है.
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इस रणनीति और नये पाठ्यक्रम के तहत ऑनलाइन भी जवानों को लगातार अपडेट रखने की कोशिश होगी. नये निर्देश के अनुसार दोनों केंद्रीय बलों के लिए कम से कम एक ऐसा सत्र आयोजित किया जायेगा जिसमें सभी बलों के लिए संयुक्त रूप से वेबिनार आयोजित किया जायेगा .