भारत का BHIM यूरोप में दिखाएगा रुपये की ताकत, एफिल टावर पर देसी ऐप से कर सकेंगे पेमेंट…

पीएम मोदी ने बताया ''पिछली बार जब मैं फ्रांस आया था तब तय हुआ था कि फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स को दो साल का पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा दिया जाएगा. अपने संबोधन में और क्या-क्या कहा पीएम मोदी ने जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

By Shradha Chhetry | July 14, 2023 8:51 AM

फ्रांस के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर पेरिस पहुंचे पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया. भारत माता की जय के साथ अपना संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा कि आज का ये नजारा अपने आप में अद्भूत है, ये उत्साह अभूतपूर्व है, ये स्वागत उल्लास से भर देने वाला है. हम भारतीय जहां भी जाते हैं एक मिनी भारत जरूर बना लेते हैं. यहां पर कुछ लोग 12 घंटे सफर करके आए हैं, इससे बड़ा प्यार क्या हो सकता है. मैं आप सभी का यहां पर आने के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.

तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का हजारों वर्ष का पुराना इतिहास, भारत का अनुभव, विश्व कल्याण के लिए भारत के प्रयासों का दायरा बहुत बड़ा है. भारत ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ है और भारत ‘मॉडल ऑफ डायवर्सिटी’ भी है. यह हमारी बहुत बड़ी शक्ति है. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान चंद्रयान- 3 मिशन, जी-20 की अध्यक्षता व तमिल भाषा का भी जिक्र किया. उन्होंने तमिल भाषा को लेकर कहा कि भारत के अलग-अलग कोनों में लगभग 100 भाषाएं पढ़ाई जाती हैं. ज्यादातर लोगों को नहीं पता है कि तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है इससे बड़ें गर्व की बात और क्या हो सकती है.

भारत और फ्रांस लंबे समय से पुरातात्विक मिशन पर कर रहे काम

पीएम मोदी ने फ्रांस की अपनी यात्रा को विशेष बताया क्योंकि फ्रांस अपना राष्ट्रीय दिवस मना रहा है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के निमंत्रण पर प्रधान मंत्री मोदी बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगे. यह यात्रा भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के जश्न का भी प्रतीक है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत और फ्रांस लंबे समय से पुरातात्विक मिशन पर काम कर रहे हैं. “इसका विस्तार चंडीगढ़ से लद्दाख तक है. डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एक अन्य क्षेत्र है जो भारत और फ्रांस के बीच संबंधों को मजबूत करता है.”

चंद्रयान-3 की लॉन्च के लिए रिवर्स काउंटिंग की गूंज सुनाई दे रही ही है

अपने संबोधन में चंद्रयान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में चंद्रयान-3 की लॉन्च के लिए रिवर्स काउंटिंग की गूंज सुनाई दे रही ही है. कुछ ही पलों बाद भारत के श्री हरिकोटा से ये ऐतिहासिक लॉन्च होने जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने जी-20 की अध्यक्षता पर बात करते हुए कहा कि भारत इस समय G20 की अध्यक्षता कर रहा है. पहली बार किसी देश की अध्यक्षता में ऐसा हो रहा है कि उस देश के कोने-कोने में 200 से ज्यादा बैठकें हो रही हैं. पूरा G20 समूह भारत के सामर्थ्य को देख रहा है.

भारतीय छात्रों को 5 साल का लॉन्ग टर्म पोस्ट स्टडी वीजा

पीएम मोदी ने बताया ”पिछली बार जब मैं फ्रांस आया था तब तय हुआ था कि फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स को दो साल का पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा दिया जाएगा. अब यह भी निर्णय लिया गया है कि फ्रांस में मास्टर्स करने वाले भारतीयों को पांच साल का लॉन्ग टर्म पोस्ट-स्टडी वीजा दिया जाएगा.”

यूपीआई के इस्तेमाल को लेकर हुआ समझौता

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि फ्रांस में ”भारत के यूपीआई के इस्तेमाल को लेकर एक समझौता हुआ है. इसकी शुरूआत एफिल टावर से की जाएगी और अब भारतीय पर्यटक एफिल में यूपीआई के जरिए रुपये में भुगतान कर सकेंगे.”

भारत में निवेश को लेकर कही ये बात

पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको अब भारत में निवेश के लिए भी पूरे उत्साह के साथ आगे आना होगा. भारत अगले 25 साल में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उससे जुड़ी संभावनाओं को भारत में एक्सप्लोर करें. आप भारत में निवेश जरूर करें.

पीएम मोदी सर्वोच्च फ्रांसीसी पुरस्कार से हुए ऑनर

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने PM नरेंद्र मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया. यह सैन्य या नागरिक आदेशों में सर्वोच्च फ्रांसीसी सम्मान है. पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा आयोजित रात्रिभोज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस के एलिसी पैलेस पहुंचे. पैलेस पहुंचने पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया.

मालूम हो कि पीएम मोदी फ्रांस की यात्रा पूरी करने के बाद 15 जुलाई को अबू धाबी जाएंगे. इस यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ सामरिक, वैज्ञानिक, अकादमिक और आर्थिक सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में भविष्य के सहयोग का रास्ता तलाशने पर भी चर्चा होगी. इसमें रक्षा, अंतरिक्ष, कारोबार और निवेश के क्षेत्र शाामिल हैं.

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