भारत का चीन को स्पष्ट संदेश : हिंद-प्रशांत क्षेत्र को ‘मुक्त और सुरक्षित’ रखने के लिए क्वॉड प्रतिज्ञाबद्ध
India, China, message, Indo-Pacific region, Quad : नयी दिल्ली : क्वॉड शिखर सम्मेलन में भारत ने चीन को मजबूत संदेश दिया है. सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता से एकजुट हैं.
नयी दिल्ली : क्वॉड शिखर सम्मेलन में भारत ने चीन को मजबूत संदेश दिया है. सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता से एकजुट हैं.
मालूम हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए ‘क्वॉड’ एक महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है. भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का ‘क्वाड’ एक समूह है. इसकी स्थापना साल 2007 में हुई थी.
This morning, I met virtually with the Quad in the first multilateral summit I’ve hosted as president. The United States, Japan, India, and Australia are committed to working together to tackle the shared challenges we face and to secure a free and open Indo-Pacific region. pic.twitter.com/m0AYfsEx6z
— President Biden (@POTUS) March 12, 2021
क्वॉड के सदस्य देशों के प्रतिनिधि समय-समय पर मिलते रहे हैं. क्वॉड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सदस्य देशों के अन्य नेता भाग ले रहे हैं. इसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के साथ-साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भाग लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वॉड शिखर सम्मेलन में कहा कि हमारा एजेंडा वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों को कवर करना है. यह क्वॉड को वैश्विक स्तर पर अच्छा बनाने के लिए बल देता है.
उन्होंने कहा कि मैं भारत के वसुधैव कुटुंबकम के प्राचीन दर्शन के विस्तार के रूप में देखता हूं, जो दुनिया को एक परिवार मानता है. हम अपने साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और एक सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देने के लिए पहले से कहीं अधिक साथ मिलकर काम करेंगे.
लगता है कि इस घटनाक्रम से चीन और ग्लोबल टाइम्स नाराज था. चीन के मुखपत्र ने कहा है कि भारत ब्रिक्स और एससीओ के लिए ‘नकारात्मक संपत्ति’ बन रहा है. मालूम हो कि फरवरी में चीन ने कहा था कि वह 2021 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत का समर्थन कर रहा है.