सार्स कोविड-2 के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने और नियंत्रण व बचाव को लेकर भारत की सक्रिय रणनीति तैयार
India's proactive strategy to detect and control and prevent genome sequencing of SARS COVID-2 : नयी दिल्ली : भारत सरकार ने ब्रिटेन में कोविड-19 संक्रमण की नयी प्रजाति सार्स कोविड-2 के पाये जाने की खबरों पर संज्ञान लेते हुए इसके जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने और इसके नियंत्रण व बचाव के लिए समय से पूर्व ही सक्रिय रणनीति तैयार की ली है. इसके लिए ब्रिटेन से आनेवाली सभी उड़ानों पर 23 दिसंबर, 2020 की मध्यरात्रि से 31 दिसंबर, 2020 तक अस्थायी रोक लगा दी गयी है. साथ ही ब्रिटेन से आनेवाले सभी विमान यात्रियों का अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर परीक्षण कराया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही ब्रिटेन में पाये गये सार्स कोविड-2 के म्यूटेंट रूप से निबटने के लिए 22 दिसंबर, 2020 को राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों को मानक संचालन प्रोटोकॉल जारी किये गये हैं.
नयी दिल्ली : भारत सरकार ने ब्रिटेन में कोविड-19 संक्रमण की नयी प्रजाति सार्स कोविड-2 के पाये जाने की खबरों पर संज्ञान लेते हुए इसके जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने और इसके नियंत्रण व बचाव के लिए समय से पूर्व ही सक्रिय रणनीति तैयार की ली है. इसके लिए ब्रिटेन से आनेवाली सभी उड़ानों पर 23 दिसंबर, 2020 की मध्यरात्रि से 31 दिसंबर, 2020 तक अस्थायी रोक लगा दी गयी है. साथ ही ब्रिटेन से आनेवाले सभी विमान यात्रियों का अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर परीक्षण कराया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही ब्रिटेन में पाये गये सार्स कोविड-2 के म्यूटेंट रूप से निबटने के लिए 22 दिसंबर, 2020 को राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों को मानक संचालन प्रोटोकॉल जारी किये गये हैं.
An important development is the establishment of INSACOG, which is a consortium of 10 govt labs across the country to do genome sequencing of #COVID19 as well as any variant of that virus. These labs belong to
ICMR, BioTech India, CSIR & Health Ministry: Union Health Secretary https://t.co/LHbTKCp5Jl pic.twitter.com/B2UBfq2ULo— ANI (@ANI) December 29, 2020
आरटी-पीसीआर परीक्षण में पॉजिटिव पाये गये सभी नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने के लिए चिह्नित दस (आईएनएसएसीओजी) सरकारी प्रयोगशालाओं (एनआईबीएमजी कोलकाता, आईएलएस भुवनेश्वर, एनआईवी-पुणे, सीसीएस-पुणे, सीसीएमबी-हैदराबाद, सीडीएफडी-हैदराबाद, इनस्टेम-बेंगलुरु, निमहास-बेंगलुरु, आईजीआईबी-दिल्ली और एनसीडीसी दिल्ली) में भेजा जा गया है. इन यात्रियों में से अब तक केवल 114 के नमूने पॉजिटिव पाये गये हैं.
परीक्षण, उपचार, निगरानी और नियंत्रण रणनीति पर विचार को लेकर 26 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की बैठक भी की गयी. सार्स कोविड-2 के नये म्यूटेंट रूप को देखते हुए मौजूदा राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल या मौजूदा परीक्षण प्रोटोकॉल में किसी तरह के बदलाव की कोई जरूरत नहीं है. एनटीएफ ने यह भी सुझाव दिया कि मौजूदा निगरानी रणनीति के अतिरिक्त यदि कुछ करना है, तो कोविड के नये रूप के जीनोम अनुक्रमण की निगरानी बढ़ाने पर ज्यादा जोर देना बेहतर होगा.
इन सभी संक्रमित व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की गयी व्यवस्थाओं के अनुरूप स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में अलग-अलग कमरों में रखा गया है. इन लोगों के साथ निकट संपर्क में आये लोगों को भी क्वॉरेंटीन कर दिया गया है. इनके परिवार वालों, इनके साथ विमान में आये अन्य यात्रियों और दूसरे लोगों का भी पता लगाने के लिए सघन अभियान चलाया गया है. अन्य नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने का काम भी चल रहा है.
हर स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है और साथ ही नियमित रूप से राज्यों को इस बात की सलाह दी जा रही है कि वह निगरानी और नियंत्रण की अपनी व्यवस्था दुरुस्त बनाये रखें और नमूनों की जांच कराने के लिए इन्हें चिह्नित प्रयोगशालाओं में भेजें. यह महत्वपूर्ण है कि अभी तक ब्रिटेन में कोविड का नया म्यूटेंट रूप सार्स कोविड-2 डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में पाया गया है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.