दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्टार्ट-अप और नये उद्यमियों से खिलौना उद्योग से जुड़ने का आह्वान किया. साथ ही देसी कंप्यूटर गेम्स बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में इन दोनों क्षेत्रों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. इसलिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का वक्त है.
यह भी कहा कि कंप्यूटर गेम्स के इस दौर में वर्चुअल गेम्स की थीम भी भारतीय होनी चाहिए. देश के युवा शक्ति को देसी गेम्स बनाने के लिए आगे आना चाहिए. दरअसल, उनका इशारा चीन की तरफ था. हालांकि अपने संबोधन में उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया. महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि बापू ने तब कहा था कि यह भारतीयों में आत्मसम्मान व आत्मशक्ति जगाने का आंदोलन है.
आज आत्मनिर्भर भारत आंदोलन का भाव भी यही है. प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है.
आत्मनिर्भर भारत, जब जन-मन का मंत्र बन ही रहा है, तो कोई भी क्षेत्र इससे पीछे कैसे छूट सकता है. गुजरात में गांधीनगर के पास 1500 करोड़ रुपये का दुनिया का सबसे बड़ा ट्वॉय म्यूजियम बनेगा. इस दौरान देसी डॉग्स की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि भारतीय प्रजाति के डॉग्स भी बहुत सक्षम होते हैं.
विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है, इसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है. दुनिया में चीन की हिस्सेदारी सर्वाधिक है, कंप्यूटर गेम्स के मामले में चीन का प्रभुत्व है. इसके कई गेम्स भारत में भी प्रचलित
पीएम ने भारतीय श्वान को तवज्जो देने की अपील की है, देशवासियों से घर में देसी नस्ल के डॉग्स लाने का आह्वान. भारतीय नस्ल के श्वान भी अच्छे और सक्षम. इनमें मुधोल हाउंड, हिमाचली हाउंड, राजापलायम, कन्नी, चिप्पीपराई कोम्बाई शािमल है
आज के छोटे-छोटे स्टार्ट-अप कल बड़ी-बड़ी कंपनियों में बदलेंगे और दुनिया में भारत की पहचान बनेंगे.
नीट-जेईई के छात्र प्रधानमंत्री से परीक्षा पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने खिलौने पर चर्चा कर ली.
posted by : sameer oraon